नई दिल्ली: विश्व भर में अमेरिका के पास सबसे ज्यादा सोने के भंडार वाले रिजर्व हैं। इस बात की जानकारी विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने अपना अनुमान साझा किया है। फोर्ब्स रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पास 8,133.46 टन गोल्ड रिजर्व मौजूद है, जिसकी कुल कीमत $489,133 मिलियन है।
जबकि, इस क्रम में जर्मनी का दूसरा स्थान है और उसके पास 3,352 टन सोना मौजूद है। फिर इटली और रूस ने क्रमश: तीसरे और चौथे पायदान पर है। वहीं, डब्ल्यूजीसी ने बताया कि भारत के पास कुल 2,191.53 टन सोना मौजूद है, जिसकी कुल कीमत 131,795 मिलियन डॉलर है।
क्यों कोई देश करता है गोल्ड रिजर्व?गोल्ड रिजर्व करने के कारण ये हैं कि किसी भी देश की स्थिरता और उसकी मुद्री को मजबूती और सक्षमता बनाने में अहम रोल निभा सकती है। कुछ देश इस ओर अब देख रहे हैं कि वो भी इस तरह गोल्ड रिजर्व करें और उनकी देश में मुद्रा की स्थिरता बनी रहे।
एक और कारण यह है कि देशों द्वारा स्वर्ण भंडार बनाए रखने का एक अन्य कारण विविधीकरण है। राष्ट्र अपने समग्र पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं और अन्य परिसंपत्तियों के मूल्य में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिमों को कम कर सकते हैं।
इसके साथ ही ये भी एक बड़ा कारण है कि यूएस डॉलर जैसे-जैसे घटता है, वैसे ही गोल्ड की कीमतों में उछाल आता है। इस कारण केंद्रीय फेडरल बैंक मार्केट में तरलता बनाए रखने के लिए इस तरह की बचत को अच्छा मानता है।
पश्चिमी देशों की पाबंदी से दूर होना चाहता है रूस रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने कहा है कि वह इस बात पर गौर कर रहा है कि क्या उसके जमे हुए सोने के भंडार, जो रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद लिया गया था। इसका इस्तेमाल विकासशील देशों की मदद के लिए जलवायु क्षति कोष के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है।
ऐसा माना जा रहा है कि रूस ये कदम सिर्फ ऐसा कदम इसलिए उठा रहा है क्योंकि उसे पश्चिमी देश उसपर लगी पाबंदी को हटा दें। रूस के जलवायु दूत ने कॉप-28 शिखर सम्मेलन में कहा कि इस कदम से जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकसित और विकासशील देशों के बीच अंतर को कम करने में मदद मिलेगी।
ये रही इन 10 देशों की सूची जिनके पास सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व-