लाइव न्यूज़ :

अर्थशास्त्री अभिजीत सेन का दिल का दौरा पड़ने से निधन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के थे विशेषज्ञ, योजना आयोग के पूर्व सदस्य

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 30, 2022 09:38 IST

अभिजीत सेन का सोमवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 72 साल के थे। उन्हें ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विशेषज्ञ माना जाता था। साथ ही वह योजना आयोग के सदस्य रह चुके थे।

Open in App
ठळक मुद्देयोजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजीत सेन का 72 साल की उम्र में निधन।अभिजीत सेन के भाई डॉ प्रणव सेन के अनुसार रात करीब 11 बजे दिल का दौरा पड़ा था।अभिजीत सेन 2004 से 2014 तक योजना आयोग के सदस्य रहे थे।

नई दिल्ली: योजना आयोग के पूर्व सदस्य तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ अभिजीत सेन का सोमवार रात निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। सेन के भाई डॉ प्रणव सेन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘अभिजीत सेन को रात करीब 11 बजे दिल का दौरा पड़ा। हम उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था।’’

चार दशक से अधिक के अपने करियर में अभिजीत सेन ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अर्थशास्त्र पढ़ाया और कईं महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर रहे। वह कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सेन 2004 से 2014 तक योजना आयोग के सदस्य थे। उस वक्त मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे।

अभिजीत सेन: दिल्ली में पले-बढ़े, फिजिक्स में ऑनर्स

एक बंगाली परिवार में जन्में सेन दिल्ली में पले-बढ़े। उनकी शिक्षा पहले सरदार पटेल विद्यालय और फिर दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में हुई। यहां से उन्होंने भौतिकी ऑनर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1981 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में उन्होंने पीएचडी की।

वे पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्य के योजना बोर्ड के सदस्य रहे। वह कृषि अर्थशास्त्र और ग्रामीण विकास पर प्रधान मंत्री के कार्यबल और ग्रामीण ऋण (रूरल क्रेडिट) पर विशेषज्ञ समिति के सदस्य रहे हैं।

सेन कई अंतरराष्ट्रीय संगठन में भी बतौर सलाहकार जुड़े रहे। इसमें संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, न्यूयॉर्क; अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, जिनेवा; संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन, रोम; ओईसीडी विकास केंद्र, पेरिस; यूएन यूनिवर्सिटी वर्ल्ड इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च आदि शामिल हैं।

अभिजीत सेन: पद्म भूषण से सम्मानित

अभिजीत सेन को 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में आने पर सेन को ‘दीर्घकालिक अनाज नीति’ बनाने के वास्ते एक उच्च स्तरीय कार्यबल के प्रमुख का पद सौंपा। सेन गेंहू और चावल के लिए सार्वभौमिक जन वितरण प्रणाली के घोर समर्थक थे। 

उनका तर्क था कि खाद्य पदार्थों पर दी जाने वाली रियायतों से राजकोष पर पड़ने वाले बोझ को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है, जबकि देश के पास न सिर्फ सार्वभौमिक जन वितरण प्रणाली को सहयोग देने के लिए बल्कि किसानों को उनके उत्पाद के उचित मूल्य की गारंटी देने के लिए भी पर्याप्त वित्तीय संभावनाएं हैं। 

अभिजीत सेन के भाई प्रणब सेन ने बताया कि अभिजीत सेन पिछले कुछ वर्षों से श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे, जो कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान और बढ़ गई। उनके परिवार में पत्नी जयती घोष और बेटी जाह्नवी है। सेन की पत्नी भी जानी मानी अर्थशास्त्री हैं।

(भाषा इनपुट)

टॅग्स :JNU VC Jawaharlal Nehru UniversityManmohan Singh
Open in App

संबंधित खबरें

भारतJNU Student Elections: 1375 वोट के साथ वाम गठबंधन की अदिति मिश्रा आगे, 1192 मत के साथ एबीवीपी के विकास पटेल पीछे, देखिए किस पोस्ट पर कौन आगे-पीछे

भारतपीएम मोदी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत नेताओं ने मनमोहन सिंह को किया नमन, जन्मदिन के मौके पर पूर्व पीएम को ऐसे किया याद

भारत'पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने हाफिज सईद से मुलाकात के लिए उन्हें धन्यवाद दिया था' : यासीन मलिक के दावे ने मचाई सनसनी

भारतभारत-पाकिस्तान तनाव: जेएनयू ने इनोनू विवि और कानपुर विवि ने तुर्किए के इस्तांबुल विवि के साथ समाप्त किया समझौता, जानें मुख्य वजह

भारतJNU Election 2025: जेएनयू छात्र संघ चुनाव में चुनाव समिति ने मांगी सुरक्षा, कहा- ‘‘हमारी जान को खतरा"

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट कैंसिल होने पर माफी मांगी, कहा- बताया कब स्थिति हो जाएगी सामान्य

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?