मोबाइल सेवाओं को नई ऊचाइयों पर ले जाने के लिए भारत सरकार ने पांचवीं पीढ़ी के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए खाका लगभग तैयार कर लिया है। ताजा खबर के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के आखिर में यानी मार्च-अप्रैल में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो सकती है।
5जी स्पेक्ट्रम के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की मंजूरी से तय किए गए आरक्षित मूल्य में कटौती नहीं होगी। 8,300 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी तय की गई है, जिसके लिए आरक्षित मूल्य 5.22 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। इसमें से भारत 6,050 मेगा हर्ट्ज के स्पेक्ट्रम 5जी नेटवर्क ऑपरेटर के लिए रखेगा।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा, ''डीसीसी ने ट्राई की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है, जिसमें कीमतें कम नहीं करना भी शामिल है। ट्राई ने विस्तृत कारण बताए हैं, इसलिए डीसीसी ने इसे स्वीकार करना उचित समझा,''
स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए अगले महीने आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से एक कैबिनेट नोट प्राप्त किया जाएगा।
डिजिटल संचार आयोग द्वारा 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर मंजूरी ऐसे समय आई है जब दो महीने पहले ही केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन के दौरान स्पेक्ट्रम नीलामी के आरक्षित मूल्य की ओर संकेत देते इंडस्ट्री के लोगों को आश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार "सेक्टर में मूल्य निर्धारण सुधार" पर विचार कर रही है।
देश के तीन बड़े दूरसंचार कारोबारियों में से सुनील भारती मित्तल के नेतृत्व वाले भारती एयरटेल और मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने 5जी स्पेक्ट्रम के लिए ऊंचे दामों को लेकर अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए दिलचस्पी दिखाई है।
भारती एयरटेल ने कहा था कि कीमतें बहुत ज्यादा हैं। डवे इसमें भाग नहीं ले पाएंगे। , इसके प्रतिद्वंद्वी रिलायंस जियो ने कहा कि सरकार को 5 जी स्पेक्ट्रम के इष्टतम मूल्य निर्धारण पर ध्यान देना चाहिए। प्रतिद्वंद्वी रिलायंस जियो ने कहा कि सरकार को 5 जी स्पेक्ट्रम के उचित मूल्य निर्धारण पर ध्यान देना चाहिए।
वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने भी अक्टूबर में कहा था कि उनकी कंपनी ने एक सक्षम विनियामक वातावरण मांगा है ताकि वह आवश्यक निवेश कर सके।