‘आईबीसी के तहत 5.5 लाख रुपये के 17,800 मामलों का निपटान दिवाला प्रक्रिया में जाने से पहले हुआ’
By भाषा | Published: August 27, 2021 09:14 PM2021-08-27T21:14:50+5:302021-08-27T21:14:50+5:30
कॉरपोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा ने शुक्रवार को कहा कि ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) कानून के तहत 5.5 लाख करोड़ रुपये के 17,800 से अधिक मामलों का निपटान एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) के तहत दिवाला प्रक्रिया में जाने से पहले ही कर दिया गया। उन्होंने आईबीसी के तहत मामलों और उनकी स्थिति के बारे में आंकड़ा देते हुए कहा कि दिवाला प्रक्रिया में आने से पहले 17,837 मामलों का निपटान संहिता के तहत व्यवहार में आये बदलाव को प्रतिबिंबित करता है। आईबीसी 2016 में अमल में आया। यह दबाव वाली संपत्ति के बाजार आधारित और समयबद्ध तरीके से निपटान की व्यवस्था करता है। वर्मा ने कहा कि इस साल जुलाई तक 4,570 से अधिक मामले कॉरपोरेट ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत स्वीकृत किये गये। इनमें से 657 मामले अपील और समीक्षा तथा अन्य वजहों से बंद किये गये। कुल 466 मामले वापस लिये गये जबकि 404 मामले का समाधान किया गया। वहीं 1,371 मामलों का परिसामपन किया गया। सचिव के अनुसार, ‘‘जिन 404 मामलों का समाधान किया गया है, उनमें 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुड़ी हुई है। इसके अलावा, 5.5 लाख करोड़ रुपये की राशि से संबद्ध 17,837 मामलों का निपटान एनसीएलटी में जाने से पहले किया गया।’’ उन्होंने उद्योग मंडल सीआईआई के आईबीसी पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘यही आईबीसी की ताकत है और यह आईबीसी के तहत व्यवहार में आये बदलाव को प्रतिबिंबित करता है।
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