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ईएसआईसी योजना से इस साल फरवरी में 11.58 लाख नये सदस्य जुड़े

By भाषा | Updated: April 23, 2021 17:06 IST

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नयी दिल्ली, 23 अप्रैल कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की सामाजिक सुरक्षा योजना से इस साल फरवरी में 11.58 लाख नये सदस्य जुड़े। जबकि इससे पूर्व माह जनवरी में 11.78 लाख सदस्य जुड़े थे। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़े में यह जानकारी दी गयी जो मोटे तौर पर देश के संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बयां करता है।

ताजा आंकड़ा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी रिपोर्ट का हिस्सा है।

आंकड़ों के अनुसार सकल रूप से ईएसआईसी की योजना से जून 2020 में 8.87 लाख, मई में 4.89 लाख और अप्रैल में 2.63 लाख सदस्य जुड़े थे। यह बताता है कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ में ढील दिये जाने के बाद से योजनाओं से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या बढ़ी है यानी नये लोगों को नियमित वेतन पर रोजगार प्राप्त हुए।

ताजा आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2020 में ईएसआईसी की योजना से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या सकल रूप से 7.63 लाख थी जो अगस्त में सुधरकर 9.5 लाख, सितंबर में 11.58 लाख और अक्टूबर 2020 में 12.11 लाख रही। वहीं नवंबर में यह घटकर 9.56 लाख रह गयी।

दिसंबर 2020 में ईएसआईसी की योजना से जुड़ने वाले सदस्यों की कुल संख्या सुधरकर 12.30 लाख रही।

एनएसओ की रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में ईएसआईसी की योजनाओं से जुड़ने वाले सदस्यों की कुल संख्या 1.51 करोड़ रही जो 2018-19 में 1.49 करोड़ थी।

सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान करीब 83.35 लाख नये अंशधारक ईएसआईसी योजना से जुड़े थे।

रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2017 से जनवरी 2021 के दौरान ईएसआईसी से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या 4.86 करोड़ रही थी।

एनएसओ की रिपोर्ट ईएसआईसी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की योजनाओं से जुड़ने वाले नये अंशधारकों के आंकड़ों पर आधारित है।

एनएसओ इन संगठनों के आंकड़े अप्रैल 2018 से जारी कर रहा है। इसमें सितंबर 2017 से आंकड़े लिये गये हैं।

रिपोर्ट के अनुसार शुद्ध रूप से ईपीएफओ से फरवरी में 12.37 लाख नये अंशधारक जुड़े। यह जनवरी 2021 के 11.95 लाख से अधिक है।

इसमें कहा गया है कि सितंबर 2017 से फरवरी 2021 के दौरान करीब 4.11 करोड़ (सकल) नये अंशधारक ईपीएफओ योजना से जुड़े।

‘भारत में पेरोल (नियमित वेतन पर रखे गये लोग) रिपोटिंग: रोजगार परिदृश्य-फरवरी 2021’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि सदस्यों की संख्या विभिन्न स्रोतों से ली गयी है, ऐसे में आंकड़ों में दोहराव हो सकता है और अनुमान को जोड़ा नहीं जा सकता।

एनएसओ ने यह भी कहा कि रिपोर्ट संगठित क्षेत्र में रोजगार के स्तर के बारे में अलग-अलग परिदृश्य को बताती है और यह समग्र रूप से नौकरी का आकलन नहीं करती।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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