Sharda Sinha Death: भोजपुरी की मशहूर लोकगीत गायिका शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं। बीती रात मंगलवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। शारदा सिन्हा ने अपने करियर में भोजपुरी, मैथिली से लेकर बॉलीवुड तक के लिए गाने गाए थे, जो आज भी सदाबहार गीत है। लोक गायिका 72 साल की थीं। गायिका 2017 से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थीं। शारदा सिन्हा ने कुछ महीने पहले ही अपने पति को खो दिया था। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं। आज पटना में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा, जिसके लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है।
कौन हैं शारदा सिन्हा?
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था। शारदा सिन्हा एक लोक और शास्त्रीय गायिका हैं जो अपने क्षेत्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए जानी जाती हैं। वह बिहार कोकिला (बिहार की कोयल) के नाम से लोकप्रिय हैं और मुख्य रूप से मैथिली और भोजपुरी में गाती हैं। उन्हें पहली बार 1991 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था, उसके बाद 2018 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने 1970 के दशक में अपने संगीत करियर की शुरुआत की। अपने करियर के दौरान, शारदा सिन्हा शादी के लिए अपने लोकगीतों और छठ पूजा के लिए अपने गीतों के कारण एक प्रिय कलाकार बन गईं, जिसे बिहार, झारखंड और पूर्वी यूपी के लोग मनाते हैं।
शारदा सिन्हा के छठ पूजा गीत शारदा सिन्हा के छठ पूजा गीत केलवा के पात पर उगलन सूरज मल झाके झुके, हे छठी मैया, हो दीनानाथ, गंगा जी के पनिया, कार्तिक मास इजोरिया, सूरज भइले बिहान, बांझी केवड़वा धइले, सुपावो ना मिले माई, पहिले पहिल छठी मैया और कई अन्य सदाबहार पसंदीदा हैं।
शारदा सिन्हा के बॉलीवुड गाने शारदा सिन्हा ने 'काहे तो से सजना' (मैंने प्यार किया) जैसे बॉलीवुड गाने में भी अपनी आवाज दी थी। उन्होंने हम आपके हैं कौन, अनुराग कश्यप की गैंग्स ऑफ वासेपुर और अन्य फिल्मों में भी गाने गाए थे।
शारदा सिन्हा के छठ पूजा गीत जैसे कार्तिक मास इजोरिया, सूरज भइले बिहान उत्सव के दौरान खूब बजाए जाते हैं। इसके अलावा, सिन्हा ने बॉलीवुड के गाने भी गाए हैं। इनमें तार बिजली, बाबुल और भी बहुत कुछ शामिल हैं।