सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितम्बर को एक एतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिक संबंधों को आपराध मानने वाली धारा 377 को खत्म कर दिया। आज के फैसले के बाद भारत में दो वयस्कों के बीच समलैंगिक संबंध बनाना अब अपराध नहीं है। बॉलीवुड में काफी समय से फिल्मों में समलैंगिक संबंधों को बेबाकी से दिखता रहा है। जब भी इस तरह की फिल्में बनीं या ऐसे किरदार सामने आए तो जमकर विवाद भी हुआ है और कई फिल्में तो इसी वजह से बैन भी हुई थीं। आइए जानते हैं कौन सी वो फिल्में हैं जिसमें समलैंगिक संबंधों पर बिना लागलपेट चर्चा की गई है-
फायर
माई ब्रदर निखिल
2005 में आई ओनिर की माई ब्रदर निखिल फिल्म में समलैंगिक संबंधों पर प्रकाश डाला गया था। इस फिल्म में संजय सूरी ने लीड रोल निभाया है, जिसमें जूही चावला ने उनकी बहन का रोल अदा किया है। फिल्म मॉय ब्रदर निखिल में भी समलैंगिक रिश्तों को और एड्स के विषय को उठाया गया था।
अलीगढ़
मैंगो सुफले
2002 में आई फिल्म मैंगो सुफले ने भी जमकर तहलका मचाया था। साहित्य अकादमी पुरस्कार महेश दत्तानी ने 'मैंगो सुफले' 2002 में बनाई। फिल्म में रिंकी खन्ना अहम रोल में थीं।
आई एम
इसी लिस्ट में शामिल साल 2010 में इस फिल्म ने जमकर वाहवाही बटोरी थी। यह फिल्म नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली पहली गे फिल्म थी। इस फिल्म में चार अलग-अलग कहानियां दिखाई गयी थी, जिसमें से एक कहानी समलैंगिकता पर थी।
कपूर एंड संस
2016 में आई कपूर एंड संस में बड़ी बेहतरीन तरीके से दिखाया गया था कि किस तरह से जब एक परिवार में उनके बच्चे के गे होने के बारे में पता लगता है तो उनका क्या रिएक्शन होता है। शकुन बत्रा के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में फवाद खान ने समलैंगिकता के रोल को पर्दे पर पेश किया था।
गर्लफ्रेंड
बॉम्बे टॉकीज
अनफ्रीडम
डू नो वाई-ना जाने क्यों
2010 में आई डू नो वाई-ना जाने क्यों को दो पार्ट में पेश किया गया था। इस फिल्म में समलैंगिकता के रूप ने तहलका ही मचा दिया। फिल्म में दो अभिनेताओं के बीच सीन को दिखाया गया था। हालांकि सेंसर ने इसे खारिज कर दिया।