बॉलीवुड के प्रतिष्ठित खलनायक प्रेम चोपड़ा 86 साल के हो गए। उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक लोकप्रिय खलनायक के रूप में अपनी पहचान बनाई। 'प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा' संवाद ने उनको आइकॉनिक बना दिया। उन्होंने छह दशकों के अपने फिल्मी सफर में लगभग 380 फिल्मों में अभिनय किया है। उस दौर में खलनायिकी का एक अलग ही रुआब होता था। ना सिर्फ पर्दे पर बल्कि पर्दे से इतर भी उनकी छवि वैसी ही स्केच की जाती थी।
इंडियन एक्सप्रेस संग बातचीत में प्रेम चोपड़ा ने अपनी भूमिका और फिल्मी सफर को लेकर काफी कुछ कहा है। प्रेम चोपड़ा ने बताया है, "पहले खलनायक को देखकर लोग डर जाते थे और सितारों को देखकर पिघल जाते थे। ऐसा उनकी बेटी के साथ भी हुआ था। प्रेम चोपड़ा ने बताया, मेरी बेटी एक फिल्म में मेरे अभिनय को देखने के बाद डर गई थी। बेटी ने सोचा कि जो (पापा) घर में जोकर बने रहते हैं उन्हें अचानक क्या हो गया?"
प्रेम चोपड़ा का जन्म 23 सितंबर 1935 कोलाहौर में हुआ था और फिर बंटवारे के बाद वह अपने परिवार के साथ शिमला आ गए। उनकी पढ़ाई यहीं पूरी हुई। और बचपन इन्हीं पहाड़ियों पर गुजरा।
प्रेम चोपड़ा के भाई कैलाश चोपड़ा एक फिल्म निर्माता हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन करने के बाद प्रेम चोपड़ा टाइम्स ऑफ इंडिया के प्रसार विभाग में परिसंचरण निरीक्षक का काम करने लगे। साल 1960 में हम हिंदुस्तानी से उन्हें बॉलीवुड में ब्रेक मिला।