सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार ( 18 जनवरी) को विभिन्न राज्यों में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने की। अदालत ने कहा कि पद्मावत पर देश के किसी भी राज्य में बैन नहीं लगेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि कानून व्यवस्था संभालना सरकार का काम है। भंसाली की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे अदालत में पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, हम उसका आदेश मानेंगे। मैं और मेरा विभाग कानूनी विकल्पों पर विचार करेंगे, सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ने के बाद हम आगे कदम उठाएंगे।"
सीबीएफसी ने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट दिया है। सीबीएफसी ने फिल्म का नाम पद्मावती से बदलकर पद्मावत रखने का सुझाव दिया था जिसे निर्माताओं ने मान लिया। सेंसर बोर्ड ने फिल्म में छह बदलाव के लिए कहा था जिसके बाद उसे प्रमाण पत्र दिया गया। राजस्थान का संगठन राजपूत करणी सेना फिल्म में रानी पद्मावती के चित्रण को लेकर ऐतराज जता रहा है। फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में है। फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत पर आधारित है।
फिल्म का विरोध करने वाले कुछ लोगों ने छत्तीसगढ़ में इसका विरोध करते हुए उन सिनेमा घरों को जलाने की धमकी दी है जिनमें फिल्म रिलीज होगी। विरोध करने वाले ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "ये अंतिम चेतावनी है उसको इस बार खामियाजा भुगतना पड़ेगा। महारानी पद्मावती हमारी आन बान सान की प्रतीक हैं और अगर छत्तीसगढ़ में फिल्म लगेगा तो इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। जहाँ पद्मावत चलेगा वो सिनेमाघर जलेगा।
पद्मावत का खिलाफ प्रदर्शन करने वाले नेता सूरज पाल अमू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी फिल्म का विरोध जारी रखने की बात कही है। सूरज पाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट ने लाखों-करोड़ों लोगों, लाखों-करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो सुप्रीम कोर्ट का करते हैं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा चाहे मुझे फांसी लगा दो! ये फिल्म रिलीज होगी तो देश टूटेगा।"
हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा प्रमाणपत्र मिलने के बाद फिल्म पर बैन लगाना देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। साल्वे ने कहा, "अगर राज्य फिल्म पर प्रतिबंध लगा रहे हैं तो इससे संघीय ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है। ये गंभीर मसला है। अगर किसी को समस्या है तो वो अपीलैट ट्रिब्यूनल में अपना पक्ष रख सकता है। राज्य फिल्म की विषय वस्तु नहीं निर्धारित कर सकते।"
फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणपत्र मिलने के बावजूद एक के बाद एक चार बीजेपी शासित राज्यों राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर प्रतिबंधित कर दिया था। फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली ने इन राज्यों द्वारा बैन लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
राजपूत करणी सेना ने पूरे देश में फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है। करणी सेना की माँग है कि भंसाली इस बात आश्वासन दें कि फिल्म में अल्लाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के बीच कोई काल्पनिक दृश्य नहीं है। पद्मावत की कहानी दिल्ली के सुल्तान अल्लाउद्दीन खिलजी द्वारा मेवाड़ पर हमले की कहानी है। जायसी के महाकाव्य पद्मावत में खिलजी मेवाड़ के राजा रतन सिंह की रानी पद्मावती को हासिल करने लिए मेवाड़ पर हमला करता है। खिलजी ने जब रतन सिंह को धोखे से मार दिया तो पद्मावती ने जौहर कर के अपनी जान दे दी थी।