गुजरे जमाने की अभिनेत्री-नृत्यांगना मधुमती का जुहू स्थित उनके आवास पर उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया। उनके एक करीबी सहयोगी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। वह 84 वर्ष की थीं। पहले उनका नाम हुटोक्सी रिपोर्टर था लेकिन दिलीप कुमार की फिल्म "मधुमती" की रिलीज के बाद अपना नाम बदल लिया। 1950 और 60 के दशक में, चाहे वह कथक हो या समकालीन पश्चिमी नृत्य, वह नृत्य प्रस्तुतियों के लिए लोकप्रिय हो गईं। मधुमती ने ‘राजा हरिश्चंद्र’, ‘तलाश’ ‘अमर अकबर एंथोनी’ समेत कई फिल्मों में काम किया। मधुमती अक्षय कुमार, चंकी पांडे, तब्बू और सोनम कपूर जैसे कलाकारों की नृत्य गुरु थीं। पत्रकार और मधुमती के करीबी सहयोगी चैतन्य पादुकोण ने बताया कि अभिनेत्री ने बुधवार सुबह अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया, "कल उनका निधन हो गया। उन्होंने सुबह लगभग साढ़े छह बजे अपनी घरेलू सहायिका से कहा कि उन्हें पीने के लिए पानी दे। उन्होंने कहा कि कुछ घंटों बाद उन्हें जगा देना। लगभग साढ़े आठ-नौ बजे, जब घरेलू सहायिका उन्हें जगाने गई, तो उनकी सांस रूक चुकी थी।" पादुकोण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन उम्र उन पर हावी हो रही थी।
उनके पति (दीपक मनोहर) का कई साल पहले निधन हो गया था। वह अपनी देखभाल करने वाली और घरेलू सहायिका के साथ अकेली रहती थीं। उनकी कोई संतान नहीं थी।" उन्होंने कहा कि राज कपूर से लेकर सुनील दत्त और राजकुमार तक, हिंदी फिल्म उद्योग के कई दिग्गजों ने मधुमती का बहुत सम्मान किया। पादुकोण ने कहा, "वह सुनील दत्त की अजंता कला सांस्कृतिक मंडली के साथ परोपकार के बहुत सारे कार्य करती थीं। अपने पति के साथ मिलकर वह सीमा पर जवानों के लिए निशुल्क प्रस्तुति देती थीं।" पत्रकार के अनुसार, मधुमती 'मां' (मधुमती एक्टिंग अकादमी) नामक एक अकादमी संचालित करती थीं। वह छात्रों को नृत्य का प्रशिक्षण भी देती थीं। इंस्टाग्राम पर एक भावुक नोट में अक्षय कुमार ने उन्हें याद किया। उन्होंने मधुमती के साथ कई पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए कहा, "मधुमती जी, मैं नृत्य के बारे में जो कुछ भी जानता हूं, वह मैंने आपसे सीखा। हर अदा, हर भाव में आपकी याद हमेशा साथ रहेगी। ओम शांति।" अभिनेता विंदु दारा सिंह ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के ज़रिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
उन्होंने लिखा, "हमारी शिक्षिका और मार्गदर्शक मधुमती जी, आपकी आत्मा को शांति मिले। हममें से कई लोगों को उनका प्यार और आशीर्वाद मिला, जिन्होंने इस दिग्गज कलाकार से नृत्य सीखा।" पांडे ने कहा कि वह मधुमती के निधन से बहुत दुखी हैं, जो उनके लिए मां की तरह थीं। उन्होंने कहा, "मेरे अभिनय करियर में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा। मैं 20-21 साल की उम्र में उनके साथ जुड़ गया, और उन्होंने मुझे नृत्य का प्रशिक्षण दिया। मैं 18 साल की उम्र से ही फिल्मों में आने की कोशिश कर रहा था, मॉडलिंग कर रहा था, फिर मैंने फाइट ट्रेनिंग जैसी कई कक्षाओं में दाखिला लिया, एक्टिंग स्कूल गया, ऑडिशन भी दिए, लेकिन काम नहीं मिल रहा था।’’ अभिनेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "वह मेरे लिए मां जैसी थीं। मुझमें जो भी आत्मविश्वास है, वह सब उनकी वजह से है। मैं पहले थोड़ा शर्मीला था, उन्होंने मुझे बिंदास बनाया।" पांडे ने बताया कि उन्होंने "आग ही आग" से अपने करियर की शुरुआत करने से पहले मधुमती के साथ अभिनय कार्यशाला की थी। मधुमती का अंतिम संस्कार बुधवार शाम मुंबई के उपनगरीय इलाके ओशिवारा विद्युत शवदाह गृह में किया गया।