धधकते पश्चिम एशिया संकट के बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की आज सोमवार से शुरू हुई पाकिस्तान यात्रा पर पश्चिम एशिया और विशेषकर अमेरिका, पश्चिम देशों की नजरें टिकी हैं। जाहिर है कि ईरान-इजराइल विवाद की पृष्ठभूमि के साथ-साथ पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक स्थिति में रईसी का यह दौरा विशेष महत्व रखता है, खास तौर पर जबकि रईसी की ईरान और इजराइल के बीच सीधे हमले के बाद किसी देश की यह पहली यात्रा है।
वहीं, तल्ख रिश्तों के दौर से गुजर रहे भारत और पाकिस्तान को लेकर पाकिस्तान के पंजाब सूबे की मुख्यमंत्री मरियम नवाज के एक बयान को भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए एक नई उम्मीद की नजर से देखा जा रहा है। मरियम ने भारत के साथ बेहतर संबंधों की वकालत करते हुए अपनी 'पंजाबी पहचान' की बात कही। तो क्या मरियम का यह बयान भारत और पाकिस्तान की साझा सांस्कृतिक विरासत के बीच मेल-मिलाप का एक सेतु बन सकता है?
वैसे तो दोनों देशों के अनेक राजनेता द्विपक्षीय संबंधों की वकालत करने के लिए कई मौकों पर 'पंजाबियत' की साझी विरासत का आह्वान करते रहे हैं, ऐसे में अब जबकि हाल ही में पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ की सरकार बनी है और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री बनी हैं, ऐसे में मरियम का पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में भारत से गए श्रद्धालुओं के समक्ष दिया गया इस आशय का भाषण खासा अहम माना जा रहा है। खास तौर पर ऐसे में जबकि भारत में आम चुनाव के बाद नई सरकार बनेगी और ऐसे में देखना होगा कि ऐसे बयानों के बाद केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद भारत पाक रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए क्या स्थिति बनती है।
तीन दिन पूर्व ही करतारपुर साहिब में 3,000 सिख तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए मरियम नवाज शरीफ ने भारत के साथ बेहतर संबंधों की वकालत करते हुए अपनी पंजाबी पहचान की बात कही। मरियम ने कहा, "आप पंजाब (भारत) से हैं, मैं पाकिस्तान से हूं, लेकिन मैं भी एक सच्ची पंजाबी हूं", और अपने पिता, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उद्धृत करते हुए कहा, "पड़ोसियों के साथ युद्ध मत लड़ो, दरवाजे खोलो।" दोस्ती के लिए, अपने दिल के दरवाजे खोलो। बहरहाल, देखना होगा कि मरियम के इस बयान को पाकिस्तानी सेना का कितना समर्थन हासिल है, क्योंकि वहां सरकार सेना के समर्थन से ही टिकी है।