विष्णुगुप्त का ब्लॉग: क्यों सुरक्षित है इमरान की सत्ता?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 5, 2019 05:58 IST2019-11-05T05:58:09+5:302019-11-05T05:58:09+5:30

आज नवाज शरीफ जेल में मिले उत्पीड़न के कारण जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. जब नवाज शरीफ और आसिफ जरदारी-बिलाल भुट्टो सहित लगभग सभी नेता चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए, जनता के बीच इनकी छवि खराब कर दी गई तो फिर पाकिस्तान की जनता के बीच विकल्प ही क्या था?

Vishnugupta's blog: Why is Imran's power safe? | विष्णुगुप्त का ब्लॉग: क्यों सुरक्षित है इमरान की सत्ता?

विष्णुगुप्त का ब्लॉग: क्यों सुरक्षित है इमरान की सत्ता?

इमरान सरकार के खिलाफ कट्टरवादी और आतंकवाद के समर्थक मजहबी नेता फजलुर रहमान को भारी जन-समर्थन मिलने के बावजूद लगता नहीं है कि इमरान खान प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य होंगे. पाकिस्तान की इमरान खान की सरकार के भविष्य को सुरक्षित माना जा रहा है.

पाकिस्तान की सेना की सर्वोपरिता को अभी तक किसी ने चुनौती देने का सरेआम साहस नहीं किया है, उड़ने के लिए जिसने राजनीतिक पंख फड़फड़ाए वह राजनीतिक पंख उड़ान भरने के पूर्व ही काट डाले गए. पाकिस्तान के राजनीतिक शासक फांसी के फंदों पर टांग दिए गए, सेना की जेलों में डाल कर सड़ा दिए गए. नवाज शरीफ ने सेना के खिलाफ अपने पंख फड़फड़ाने की कोशिश की थी.  परिणाम क्या निकला, यह देख लीजिए. 

आज नवाज शरीफ जेल में मिले उत्पीड़न के कारण जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. जब नवाज शरीफ और आसिफ जरदारी-बिलाल भुट्टो सहित लगभग सभी नेता चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए, जनता के बीच इनकी छवि खराब कर दी गई तो फिर पाकिस्तान की जनता के बीच विकल्प ही क्या था? ऐसी परिस्थितियों में पाकिस्तान की सेना की कोख से इमरान खान जैसे गैरराजनीतिक किस्म के शासक का जन्म होता है और इमरान खान सेना के मोहरे के तौर पर पाकिस्तान की सत्ता पर कायम हो जाते हैं.

इमरान खान निश्चित तौर पर पाकिस्तान की सेना का मोहरा हैं. पाकिस्तान की सेना अपने इस मोहरा को कभी खोना नहीं चाहेगी. इमरान खान जैसा हां में हां मिलाने वाला राजनीतिज्ञ और कहां मिलेगा? पाकिस्तान की सेना यह सच्चाई जानती है. पाकिस्तान की सेना यह जानती है कि इमरान खान जैसा राजनीतिज्ञ ही सेना की सर्वोच्चता को बनाए रख सकता है. पाकिस्तान की सेना को यह विश्वास है कि जब तक उसके पास इमरान खान जैसा मोहरा है तब तक पंजाबी और सिंधी राजनीतिक अस्मिताएं भी नियंत्रित हैं. फजलुर रहमान जैसे नेताओं के आंदोलन से कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है, इसके बावजूद कि पाकिस्तान की जनभावनाएं इमरान सरकार के खिलाफ हैं.

Web Title: Vishnugupta's blog: Why is Imran's power safe?

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