वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः ट्रम्प की उत्तर कोरिया यात्रा 

By वेद प्रताप वैदिक | Published: July 2, 2019 12:53 PM2019-07-02T12:53:06+5:302019-07-02T12:53:06+5:30

अमेरिका का आग्रह है कि किम अपने परमाणु हथियारों को नष्ट करें. किम कहते हैं कि पहले आप हम पर लगाए प्रतिबंधों को खत्म करें. द्वितीय महायुद्ध के बाद कोरिया में 1950 से 1953 तक युद्ध चलता रहा. युद्ध ने एक कोरिया को दो कोरियाओं में बदल दिया था. दक्षिण कोरिया को अमेरिका टेका लगाता रहा है और उत्तर कोरिया को रूस व चीन. 

Donald Trump's North Korea visit | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः ट्रम्प की उत्तर कोरिया यात्रा 

File Photo

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी गजब के नौटंकीबाज हैं. वे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से तीसरी बार मिलने को तैयार हो गए. इस बार वे उनसे किसी तीसरे देश यानी सिंगापुर या वियतनाम में नहीं, उत्तर कोरिया में जाकर मिले. ये वही ट्रम्प हैं, जिन्होंने उत्तर कोरिया को दुनिया के नक्शे से साफ करने की धमकी 2017 में दी थी और बदले में किम ने कहा था कि ट्रम्प के दिमाग के पेंच कुछ ढीले हैं.  

अमेरिका का आग्रह है कि किम अपने परमाणु हथियारों को नष्ट करें. किम कहते हैं कि पहले आप हम पर लगाए प्रतिबंधों को खत्म करें. द्वितीय महायुद्ध के बाद कोरिया में 1950 से 1953 तक युद्ध चलता रहा. युद्ध ने एक कोरिया को दो कोरियाओं में बदल दिया था. दक्षिण कोरिया को अमेरिका टेका लगाता रहा है और उत्तर कोरिया को रूस व चीन. 

वियतनाम में यही हुआ लेकिन कोरिया का मामला अभी तक उलझा हुआ है. वियतनाम और जर्मनी एक हो गए लेकिन कोरिया के एक होने की संभावना अभी भी दूर की कौड़ी लगती है. लेकिन इस बार जी-20 सम्मेलन में चीन और अमेरिका के बीच जो बेहतर समझ बनी है, शायद यह उसी का नतीजा है कि ट्रम्प ने अचानक उत्तर कोरिया जाने का कार्यक्र म बना लिया. 

ऐसा लगता है कि दोनों देशों के बीच कोई भूमिगत संपर्क-सूत्न भी काम कर रहा है. ट्रम्प ने दक्षिण कोरिया से उत्तर कोरिया के सीमांत के अंदर पैदल पहुंचकर सारी दुनिया में अपने फोटो छपवा लिए. लेकिन यह पता नहीं कि ट्रम्प और किम ने एक-दूसरे की कितनी बात मानी. दोनों ने इस भेंट पर असीम प्रसन्नता प्रकट की और असली मुद्दे यानी परमाणुमुक्ति और प्रतिबंधमुक्ति अपने अफसरों के हवाले कर दिए. 

यही प्रक्रि या भारत और चीन के साथ चले व्यापारिक-विवाद पर भी लागू की गई. तो इसका अर्थ क्या यह है कि ट्रम्प का काम सिर्फ ड्रामा करना, धमकियां देना और अन्य राष्ट्राध्यक्षों को डराना भर है. यदि ऐसा है तो हम मानकर चल सकते हैं कि ईरान के बारे में भी दुनिया को बहुत चिंता करना जरूरी नहीं है. आज नहीं, तो कल, ट्रम्प ईरान के साथ भी वही करेंगे, जो वे उत्तर कोरिया के साथ कर रहे हैं. 

Web Title: Donald Trump's North Korea visit

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