वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः नेताओं का भ्रष्टाचार कैसे रुके?

By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 27, 2019 05:38 AM2019-09-27T05:38:35+5:302019-09-27T05:38:35+5:30

क्या देश में एक भी नेता ऐसा है, जिसने कभी कोई चुनाव लड़ा है तो वह यह कहने की हिम्मत कैसे करेगा कि वह हमेशा सदाचार का पालन करता रहा है?

Vedapratap Vaidik's column: How did the corruption of the leaders stop? | वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः नेताओं का भ्रष्टाचार कैसे रुके?

वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः नेताओं का भ्रष्टाचार कैसे रुके?

देश के कई नामी-गिरामी नेता आजकल जेल की हवा खा रहे हैं या जमानत पर हैं या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने हाथ बांधे खड़े हैं.  ये लोग कौन हैं? ये सब विरोधी दलों के नेता हैं. इन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. किसी पर 25000 करोड़ रु. के घपले का, किसी पर अरबों रु. विदेशी बैंकों में छिपाकर रखने का, किसी पर ट्रस्टों का करोड़ों का धन जीम जाने का और किसी पर अरबों रु. की जमीनें ठिकाने लगाने का आरोप है. ये आरोप सिद्ध होंगे, तब होंगे लेकिन उन नेताओं की बदनामी तो तत्काल शुरू हो जाती है.

आज की राजनीति भ्रष्टाचार के बिना हो ही नहीं सकती. वोटों की राजनीति नोटों के बिना कैसे हो सकती है? क्या देश में एक भी नेता ऐसा है, जिसने कभी कोई चुनाव लड़ा है तो वह यह कहने की हिम्मत कैसे करेगा कि वह हमेशा सदाचार का पालन करता रहा है? आज सत्तारूढ़ दल के लोग विपक्षियों को ढूंढ-ढूंढ कर फंसा रहे हैं और कल जब वे विपक्ष में थे तो इसी तरह उन्हें फंसाया जा रहा था. आज चिदंबरम जेल में हैं तो कल अमित शाह थे. दूध का धुला कोई नहीं है. 

आचार्य कौटिल्य ने ढाई हजार साल पहले जो कहा था, वह आज भी सत्य है यानी मछली पानी में रहे और पानी न पिये, यह कैसे हो सकता है? मोदी सरकार यदि भ्रष्ट नेताओं को दंडित करने पर तुली हुई है तो मैं उसका हृदय से स्वागत करता हूं, लेकिन क्या भाजपा में सब दूध के धुले हुए हैं? यह शुभ-कार्य अपने घर से ही शुरू क्यों नहीं किया गया? उल्टे, अन्य पार्टियों के भ्रष्ट नेता अपनी खाल बचाने के लिए भाजपा में  चले जा रहे हैं. मोदी चाहें तो देश की सभी पार्टियों के नेताओं को जेल में डालने की बजाय उन्हें यह कह सकते हैं कि आप सब अपनी सारी चल-अचल संपत्ति, जो आपने अवैध और अनैतिक तरीकों से जुटा रखी है,   सरकार को समर्पित कर दें तो आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. आपको लोक-क्षमा दी जाएगी, इसे वे भाजपा से ही शुरू करें. शायद दूसरे भी अपने आप प्रेरित हो जाएं!  

Web Title: Vedapratap Vaidik's column: How did the corruption of the leaders stop?

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