बेंगलुरु से दिल्ली तक: क्या आप से किनारा कर कांग्रेस ने विपक्षी एकता की लुटिया डुबोई?

By असीम | Published: June 18, 2018 02:36 PM2018-06-18T14:36:54+5:302018-06-18T15:18:18+5:30

देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के विरोध प्रदर्शन को कई विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला लेकिन कांग्रेस का साथ नहीं l ये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की रणनीति का हिस्सा है या एक बड़ी भूल l

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बेंगलुरु से दिल्ली तक: क्या आप से किनारा कर कांग्रेस ने विपक्षी एकता की लुटिया डुबोई?

नई दिल्ली, 18 जून: बेंगलुरू में विपक्षी एकता दिखाने के बाद विपक्षी पार्टियों को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के धरने के रूप में एक और सुनहरा मौका दिया था। लेकिन वही कांग्रेस पार्टी जिसने एच डी कुमारस्वामी के साथ गठबंधन कर बीजेपी को करार झटका दिया था, दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ नहीं देने से विपक्षी एकता पर ही प्रश्न लग गया है। रही सही कसर चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दिल्ली यात्रा ने पूरी कर दी। कांग्रेस इन सभी कार्यक्रम से नदारद रही।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी जो इन दिनों ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं, इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कांग्रेस का पक्ष रखा ज़रूर लेकिन वो आप को समर्थन के बजाए बीजेपी के समर्थन में था। जब कांग्रेस पूरे भारत में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की बात कर रही है, ऐसे में दिल्ली में उसका आप के अनशन से पल्ला झाड़ लेना काफी आश्चर्यजनक है। कांग्रेस का ये निर्णय निश्चित रूप से कई सवाल खड़ा भी करता है।

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जब कांग्रेस को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिलाने में कोई परहेज नहीं है तो आप ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया है? क्या कांग्रेस ने आप से दिल्ली में मिली हार को अभी तक नहीं पचा पाई है? कांग्रेस आप से किसी भी कारण से परहेज करें लेकिन पार्टी को कम से ये समर्थन तो दे सकती थी कि चुनी सरकार को काम करने की आज़ादी मिले।

जिस गर्मजोशी से विपक्षी पार्टियों का बेंगलुरू में मिलन हुआ था उसे देखकर लगता था 2019 में नरेंद्र मोदी और भाजपा को कड़ी टक्कर मिलेगी। लेकिन कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस का इस एकीकृत विपक्ष से गायब होने के कई मतलब निकाले जा सकते हैं। भाजपा नेता इस फूट को कहीं न कहीं भुनाने की कोशिश जरूर करेंगे। क्या कांग्रेस ही विपक्षी पार्टियों की इस एकता का सबसे बड़ा रोड़ा बनेगी इसका पता आने वाला समय ही बताएगा।

English summary :
Congress has stayed away from joining other political parties in their support for Arvind Kajriwal's protest. While all other political parties have supported Kejriwal, Congress sounded more in support of BJP than AAP. Will Congress president Rahul Gandhi's decision backfire?


Web Title: Congress-Aam-Aadmi-Party-AAP-Arvind-Kejriwal

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