मुंबई में होर्डिंग गिरने से 14 लोगों की हुई मौत ने एक ऐसी समस्या की तरफ ध्यान खींचा है, जो लगभग पूरे देश में फैली हुई है और जिस पर जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है या यूं कहें कि वे जानबूझकर भी अनजान बने हुए हैं। सोमवार को बारिश और तेज हवाओं के बीच घाटकोपर के पूर्वी इलाके में एक पेट्रोल पंप पर 120 बाय 120 फुट का होर्डिंग गिर गया, जिससे बारिश से बचने के लिए पेट्रोल पंप के नीच खड़े लोग दब गए। इसमें 14 लोगों की मौत होने के अलावा बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। अब मुंबई नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि होर्डिंग अवैध था क्योंकि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने इसे लगाने के लिए अनुमति नहीं दी थी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी मुंबई शहर में सभी होर्डिंग्स के संरचनात्मक ऑडिट का आदेश देते हुए कहा है कि अगर होर्डिंग्स अवैध और खतरनाक पाए गए तो उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा। कितनी हैरानी की बात है कि कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि भयंकर आकार का होर्डिंग शहर के व्यस्त इलाके में लगा हुआ था और दुर्घटना होने के पहले जिम्मेदार अधिकारियों को पता ही नहीं था कि वह अवैध है! और अगर पता था तो उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
हकीकत तो यह है कि दुर्घटना होने के कारण ही यह बात लोगों को पता चल पाई कि वह होर्डिंग अवैध था, वरना सबकुछ पूर्ववत चलता रहता और किसी को पता भी नहीं चलता कि जिम्मेदार अधिकारियों की नाक के नीचे कितना जबर्दस्त गड़बड़ घोटाला चल रहा है, क्योंकि वह इकलौता होर्डिंग ही अवैध नहीं था, जांच की जाए तो ऐसे न जाने कितने अवैध होर्डिंग सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे देश में लगे मिलेंगे। ये न सिर्फ राहगीरों की सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं, जैसा कि मुंबई में हुआ, बल्कि सरकारी खजाने को भी इससे चूना लगाया जाता है। फिर भी चूंकि इस अवैध कार्य से होने वाली कमाई से कई जिम्मेदार लोगों का पेट भरता है, इसलिए वे इसकी ओर से आंखें मूंदे रहते हैं।
करीब साल भर पहले इसी तरह पुणे में भी अवैध होर्डिंग गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2018 में भी पुणे में होर्डिंग फ्रेम गिरने से चार लोगों की जान गई थी। लखनऊ में पिछले साल एक होर्डिंग गिरने से मां-बेटी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, जबकि वर्ष 2019 में चेन्नई में होर्डिंग गिरने के कारण एक स्कूटीसवार युवती की जान गई थी। ऐसे अवैध होर्डिंग से शहर की सुंदरता पर भी धब्बा लगता है और वाहन सवारों का ध्यान बंटने के कारण भी वे दुर्घटना का कारण बनते हैं। गलत जगहों पर लगे होने से कई बार वे ट्रैफिक में भी बाधा उत्पन्न करते हैं. दिसंबर 2023 में बाॅम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि मुंबई निवासी इनसे छुटकारा पाना चाहते हैं।
अप्रैल 2024 में भी बाॅम्बे हाईकोर्ट ने अवैध होर्डिंग पर साफ कहा था कि सार्वजनिक स्थान का इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए। जाहिर है कि कोर्ट की इन नसीहतों पर अगर गंभीरता से ध्यान दिया जाता तो मुंबई में 14 लोगों को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ता। जरूरत सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि देश के सभी शहरों में अवैध होर्डिंग के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाने की है, ताकि फिर किसी को इसके चलते अपनी जान से हाथ न धोना पड़े।