Year-End 2024: संघ शासित क्षेत्र जम्मू व कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला वर्ष 2024 के अंतिम पखवाड़े में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले और उनसे राज्य दर्जा वापसी का आग्रह किया. अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री को उन बाधाओं से अवगत कराया, जो जम्मू व कश्मीर की निर्वाचित सरकार को जनता के प्रति अपने दायित्व निर्वहन में पूर्ण राज्य का दर्जा न होने के कारण उठानी पड़ रही है. जम्मू व कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद अक्तूबर में उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने. उसके बाद से केंद्रीय गृह मंत्री को दूसरी बार उन्होंने राज्य का दर्जा लौटाने के चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान किए गए वायदे की याद दिलाई. वर्ष 2024 की शुरुआत जम्मू व कश्मीर को राज्य दर्जा वापसी की चर्चा से हुई. भाजपा और सभी राष्ट्रीय दल लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे थे.
उसी सिलसिले में जम्मू व कश्मीर का विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराने की अटकलें भी लगाई जा रही थीं, लेकिन केंद्र सरकार और चुनाव आयोग ने अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू व कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने का संकेत नहीं दिया. जम्मू व कश्मीर का राज्य दर्जा वापसी का मामला नए सिरे से चर्चा में आया 2023 के अंत में सुप्रीम कोर्ट के धारा-370 पर फैसला सुनाने के बाद.
धारा-370 हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय की संवैधानिक वैधता को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का 11 दिसंबर, 2023 को फैसला आया. चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ ने केंद्र सरकार के निर्णय को तो गलत नहीं कहा, मगर धारा-370 के साथ जम्मू व कश्मीर का राज्य दर्जा भी खत्म करने के लिए केंद्र को फटकारा.
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू व कश्मीर का राज्य दर्जा ‘जल्द से जल्द’ वापस लौटाने का आदेश केंद्र सरकार को दिया और विधान सभा चुनाव कराने की डेडलाइन 30 सितंबर 2024 तय कर दी. लोकसभा चुनाव के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश की तामीली के लिए जम्मू व कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी अक्तूबर, 2024 के पहले सप्ताह में संपन्न हो गया.
जम्मू व कश्मीर सरकार ने केंद्र से टकराव के रास्तों को छोड़कर बातचीत और राजनीतिक माहौल बनाने की नीति अपनाई है. उमर अब्दुल्ला ने 4 नवंबर 2024 को विधानसभा सत्र के पहले दिन अपना भाषण अटलबिहारी वाजपेयी की तारीफ से शुरू किया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपना संबोधन जम्मू व कश्मीर का राज्य दर्जा वापसी से शुरू किया.
विधान सभा ने ‘विशेष दर्जा’ वापसी और इसके लिए बातचीत का प्रस्ताव पास किया जो धारा-370 खतम होने से पहले था. 18 अक्तूबर को मंत्रिमंडल से पास इसी आशय के प्रस्ताव की प्रति मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 24 अक्तूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मिलकर उनको सौंपी.