वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः कश्मीर पर पाक का जबानी जमा-खर्च

By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 9, 2019 03:11 PM2019-10-09T15:11:51+5:302019-10-09T15:11:51+5:30

पूर्व मुख्यमंत्नी डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से उनकी पार्टी के कई नेताओं की भेंट हुई. फारूक अब्दुल्ला काफी खुश नजर आए. अब अन्य कश्मीरी नेताओं से भी उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मुलाकात के रास्ते खुलते जा रहे हैं. 

Ved Pratap Vaidik Coloumn: Pakistan's verbal stand on kashmir | वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः कश्मीर पर पाक का जबानी जमा-खर्च

वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः कश्मीर पर पाक का जबानी जमा-खर्च

मुझे खुशी है कि जम्मू-कश्मीर में ज्यों-ज्यों ठंड बढ़ रही है, राजनीतिक बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है. मुङो आशा थी कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के भारत-पाक दंगल के बाद कश्मीर के हालात सुधरेंगे. अब वही हो रहा है. पूर्व मुख्यमंत्नी डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से उनकी पार्टी के कई नेताओं की भेंट हुई. फारूक अब्दुल्ला काफी खुश नजर आए. अब अन्य कश्मीरी नेताओं से भी उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मुलाकात के रास्ते खुलते जा रहे हैं. 

भेंट करनेवाले पार्टी-नेताओं ने यह तो नहीं बताया कि कश्मीर के पूर्ण-विलय की प्रक्रिया पर उनकी प्रतिक्रि या क्या है. वे धारा 370 और 35 ए के बारे में मौन साधे रहे लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कह दिया कि जब तक उनके नेताओं को रिहा नहीं किया जाएगा, वे अक्तूबर में होनेवाले प्रखंड विकास समिति के चुनावों में भाग नहीं लेंगे.

यदि ये प्रमुख कश्मीरी पार्टियां इन स्थानीय चुनावों का बहिष्कार करेंगी तो कश्मीर में नया नेतृत्व उभरेगा. केंद्र सरकार शायद इस बात को पसंद करेगी लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि कश्मीर के ये प्रमुख नेतागण अलगाववादियों से अपनी नजदीकी शायद बढ़ा लें. ऐसे में राज्यपाल सत्यपाल मलिक और गृह मंत्नी अमित शाह को अपने फैसले काफी दूरंदेशी के आधार पर करने होंगे. इस समय कश्मीर से जो ताजा खबरें आ रही हैं, उससे तो ऐसा अंदाजा लगता है कि हालात सुधरते जा रहे हैं. उधर पाकिस्तान में कश्मीर को लेकर लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. 

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका और सऊदी अरब की यात्ना का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. अब वे तीसरी बार चीन जा रहे हैं. पाकिस्तान की फौज भी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती. भारत सरकार ने 5 अगस्त को कश्मीर में जो कुछ किया है, उसे भारत की आम जनता का जबर्दस्त समर्थन तो है ही, दुनिया के देश भी उसमें कोई टांग नहीं अड़ाना चाहते. पाकिस्तान सिर्फ जबानी जमा-खर्च कर रहा है. खानापूरी कर रहा है. पाकिस्तान में सत्तारूढ़ ताकतों को अपना मुंह दिखाने के लिए यह सब नौटंकी करनी जरूरी है.

Web Title: Ved Pratap Vaidik Coloumn: Pakistan's verbal stand on kashmir

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