जयंतीलाल भंडारी
हाल ही में तीन नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में इमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन कॉन्क्लेव (एस्टिक) 2025 का शुभारंभ करने के साथ एक लाख करोड़ रुपए के रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (आरडीआई) फंड को लॉन्च करते हुए कहा कि आरडीआई फंड देश के अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र को बड़ा बल देगा. इस फंड के माध्यम से सरकार निजी क्षेत्र को तकनीकी शोध, स्टार्टअप, इनोवेशन और औद्योगिक विकास में निवेश को प्रोत्साहित करेगी.
चूंकि भारत अब टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रांसफॉर्मेशन का नेतृत्वकर्ता बन चुका है, अतएव आरडीआई फंड से विज्ञान, उद्योग और शिक्षा के बीच सहयोग को नई मजबूती मिलेगी और भारत वैश्विक विज्ञान नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ सकेगा.
गौरतलब है कि आरडीआई फंड के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को नोडल मंत्रालय बनाया गया है. यह कोष सीधे कंपनियों और स्टार्टअप्स में निवेश नहीं करेगा. फंडिंग का काम दूसरे फंड मैनेजरों के द्वारा किया जाएगा. चूंकि भारत में सरकार और निजी क्षेत्र का शोध व विकास में निवेश पिछले लंबे समय से चिंता का विषय रहा है, इसलिए अब एक लाख करोड़ रुपए का आरडीआई फंड देश के लिए ईज ऑफ डूइंग रिसर्च की दिशा में महत्वपूर्ण है.
यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि अभी भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में शोध व विकास की हिस्सेदारी करीब 0.70 फीसदी है. यह हिस्सेदारी अमेरिका, जापान और चीन जैसे देशों की 2 से 5 फीसदी हिस्सेदारी के मुकाबले बहुत कम है. साथ ही देश के तेज विकास के लिए भी बहुत कम है. अतएव आरडीआई फंड से शोध के रणनीतिक और उभरते क्षेत्रों को आवश्यक जोखिम पूंजी प्राप्त होगी. इसमें कोई दो मत नहीं है कि भारत ने शोध एवं नवाचार में पिछले एक दशक में तेजी से कदम बढ़ाए हैं.
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) द्वारा प्रकाशित ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) 2024 की रैंकिंग में 133 अर्थव्यवस्थाओं में भारत ने 39वां स्थान हासिल किया है. यह कोई छोटी बात नहीं है कि जो भारत जीआईआई रैंकिंग में 2015 में 81वें स्थान पर था, अब वह 39वें स्थान पर पहुंच गया है. जीआईआई रैंकिंग में भारत की प्रगति दुनियाभर में रेखांकित हो रही है.
जीआईआई 2024 के तहत भारत निम्न-मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में पहले स्थान पर है. भारत मध्य और दक्षिणी एशिया क्षेत्र की 10 अर्थव्यवस्थाओं में भी पहले स्थान पर है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) क्लस्टर रैंकिंग में चौथे स्थान पर है.
उम्मीद करें कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा तीन नवंबर को एक लाख करोड रुपए के शोध, विकास और नवाचार के जिस आरडीआई फंड को लांच किया गया है, उसके पूरे उपयोग के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ा जाएगा. उम्मीद करें कि देश का उद्योग-कारोबार जगत देश के तेज विकास और आम आदमी के आर्थिक-सामाजिक कल्याण के मद्देनजर दुनिया के विकसित देशों की तरह भारत में भी बौद्धिक समझ, शोध एवं नवाचार पर अधिक धनराशि व्यय करने की डगर पर आगे बढ़ेगा.