लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: जीवन को संपूर्णता से जीने की कला सिखाते हैं श्रीकृष्ण

By विशाला शर्मा | Updated: September 6, 2023 10:47 IST

श्री कृष्ण ने इंद्र की पूजा का विरोध किया, माखन चुराया, और अर्जुन को गीता का उपदेश दिया। इन सभी घटनाओं से हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देकृष्ण एक महान गुरु हैं, जिन्होंने अपने जीवन और कार्यों से दुनिया को बहुत कुछ सिखाया है।कृष्ण एक आदर्श गुरु हैं, जिन्होंने अपने जीवन में सभी प्रकार के अनुभव किए हैं।बता दें कि श्री कृष्ण एक ऐसे महामानव हैं जिन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

कृष्ण से श्रेष्ठ गुरु खोजना कठिन है. इससे भी अधिक उनके जैसा महामानव खोजना संभव नहीं है. जिसके जीवन का हर पृष्ठ पूर्ण हो, जीवन जीने की कला जिससे सीखी जा सकती हो और जिससे हम सीखते हैं, वह गुरु होता है. पिता ने जेल से लाकर यशोदा की झोली में डाल दिया. बचपन गोकुल की गलियों में बीता. बचपन की हर घटना में उसका एक संदेश छिपा है. 

इंद्र के स्थान पर कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत का क्यों किया चयन

कृष्ण ने जब देखा कि मथुरा जैसे महानगर से प्रदूषित जल जो विष के समान है, ब्रज में आता है तो यहां कालिमा देह वाले जल को प्रदूषण से मुक्त करने की व्यवस्था की. विश्व गुरु बनने की प्रक्रिया में पहला कदम सुधारक की भूमिका का होता है. उन्होंने साहसिक अभियान का बीड़ा उठाया और कंस के विषधर रूप को नियंत्रित किया.

बालकृष्ण यदि इंद्र की पूजा का विरोध करते हैं तो इसका कारण धर्म को भय से मुक्त करना है क्योंकि धर्म का आधार प्रेम या श्रद्धा है, भय या स्वार्थ नहीं. इंद्र के स्थान पर उन्होंने गोवर्धन पर्वत का चयन किया जो पशुधन के लिए साधन उपलब्ध कराता है. यह घटना दो तरह से मानव जाति के लिए प्रेरणा स्रोत है. जहां यह प्रकृति और पर्यावरण के प्रति उसकी चेतना का प्रतीक है वहीं दूसरी ओर अनावृष्टि से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास का परिणाम भी है.

कृष्ण के माखन चोर की छवि का क्या अर्ध है

कृष्ण की माखन चोर वाली छवि भक्तों और चिंतकों के लिए अलग-अलग अर्थ रखती है. भक्त जहां घटनाओं में रसमय हो जाता है वहीं चिंतकों के लिए यह एक अलग संदेश देती है जो इस सत्य पर आधारित है कि उत्पादक जिन वस्तुओं का उत्पादन करता है उसके उपभोग पर पहला अधिकार उत्पादक के परिवार का है.

जब बालक कृष्ण ने देखा कि ब्रज में दूध-दही और मक्खन का प्रचुर उत्पादन होता है परंतु ब्रज के बालक इसके उपभोग से वंचित हैं, सारा उत्पाद मथुरा जैसे महानगर की पूर्ति हेतु चला जाता है, ऐसे में कृष्ण ने अपने सखाओं को घरों में घुसकर माखन चोरी का मार्ग बतलाया, जिसमें वे नायक होते थे. जब इतने पर भी बात नहीं बनी तो मथुरा जाने वाले गौ उत्पाद को रोकने के लिए मटकियां फोड़ने लगे. 

संगीत कला में कैसे हैं कृष्ण

कृष्ण संगीत कला में भी निपुण थे. उनके लिए प्रेम का आलम्बन मुरली है. संत इसे योग माया कहते हैं क्योंकि उसके स्वर संसार को स्तब्ध कर देते हैं. उसकी स्वर्गीय आनंद देने वाली ध्वनि ब्रज के हर प्राणी को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है.

दृश्य बदलता है. वे रणक्षेत्र में अर्जुन के लिए सखा और गुरु दोनों रूपों में जिज्ञासा को शांत करते हैं. दोनों के संवाद को हम गीता कहते हैं. इसी ग्रंथ से हजारों लोगों ने अपनी जिज्ञासा को शांत कर जीवन के महाभारत में अपनी भूमिका का निर्वाह किया है. 

टॅग्स :भगवान कृष्णजन्माष्टमीमथुरा
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठBhagwat Geeta: गीता की विचारधारा सदियों से मानवीय चिंतन को प्रभावित करती रही है?

क्राइम अलर्टVIDEO: रेस्टोरेंट ने बनाया 30000 हजार का बिल, ग्राहक के विवाद करने पर बाउंसरों ने पीटा; CCTV में कैद हुआ हाई-वोल्टेज ड्रामा

क्राइम अलर्टसड़क दुर्घटना में छोटे भाई सुखबीर की मौत, बड़े भाई राजवीर ने बीमा राशि को लेकर छोटे भाई की पत्नी आरती पर ईंटों से हमला कर मारा

पूजा पाठठाकुर जी की कृपा के बिना श्रीमद भागवत का श्रावण संभव नहीं: चारु लाडली

ज़रा हटकेVIDEO: मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा, बस पलटने से 16 यात्री घायल, 3 की हालत गंभीर

भारत अधिक खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर