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देवेंद्रराज सुथार ब्लॉग: उत्सवों को नशे की गिरफ्त से बचाएं

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 2, 2025 06:33 IST

इसे नशे में डूबकर नहीं, बल्कि नये संकल्पों और सकारात्मक ऊर्जा के साथ मनाया जाना चाहिए.

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नये साल का जश्न दुनिया भर में एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इस खुशी के पीछे छिपी कुछ कड़वी सच्चाइयां भी हैं जो समाज के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. 31 दिसंबर की रात जब घड़ी की सुइयां नये साल के स्वागत के लिए आतुर होती हैं, तब दुनिया के कई हिस्सों में शराब और नशीले पदार्थों का सेवन चरम पर होता है. नये साल की पूर्व संध्या पर शराब के सेवन से होने वाली दुर्घटनाओं में करीब 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी होती है. विशेष रूप से युवा वर्ग इस दिन को अपनी सीमाओं को लांघने का अवसर मान लेता है. नतीजतन, सड़क दुर्घटनाओं, लड़ाई-झगड़ों और अस्पतालों में आपातकालीन मामलों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी होती है.

दरअसल, नये साल की पूर्व संध्या पर लोग पुराने साल की असफलताओं, दुखों और तनावों को भूलने के लिए नशे का सहारा लेते हैं. एक तरह से यह पलायनवादी दृष्टिकोण है, जो समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं है. साथ ही, सामाजिक दबाव और पार्टी कल्चर भी युवाओं को इस ओर धकेलता है. शराब और नशीले पदार्थों का कारोबार अपने सालाना लक्ष्य का करीब 15-20 फीसदी इसी एक रात में हासिल कर लेता है.

आबकारी विभाग के मुताबिक साल 2023 में 31 दिसंबर को दिल्ली में शराब की रिकॉर्ड बिक्री हुई. एक दिन में 24 लाख बोतल शराब बिकी, जबकि साल के बाकी दिनों में औसतन 18 लाख शराब की बोतलें बिकती हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के आंकड़ों पर नजर डालें, तो वहां हर दिन औसतन 115 करोड़ रुपए की शराब बिकती है, जबकि पिछले साल अकेले 31 दिसंबर और 1 जनवरी को 700 करोड़ रुपए की शराब बिकी थी. एक रात में ज्यादा शराब पीने से न सिर्फ लीवर, किडनी और हृदय को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि नशे में की गई गलतियां कई बार जिंदगी भर पछतावे की वजह बन जाती हैं.

पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि नये साल की पूर्व संध्या पर यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले आम दिनों के मुकाबले पांच गुना तक बढ़ जाते हैं. शराब पीकर वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कई निर्दोष लोगों की जान भी चली जाती है. इस एक रात की लापरवाही कई परिवारों की खुशियां हमेशा के लिए छीन लेती है.

कुछ देशों में नये साल की पूर्व संध्या पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. भारत में भी इस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं. यह समझना होगा कि नया साल एक नई शुरुआत का प्रतीक है. इसे नशे में डूबकर नहीं, बल्कि नये संकल्पों और सकारात्मक ऊर्जा के साथ मनाया जाना चाहिए. परिवार के साथ समय बिताएं, दोस्तों से मिलें, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लें या प्रकृति की गोद में नये साल का स्वागत करें.

टॅग्स :त्योहारDrugs and Health Products Regulatory Agencyभारतन्यू ईयरPartyNew Year
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