Road Accident: भारत में वाहन काल बनकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं. कानून का खौफ वाहन चालकों में दिखाई नहीं देता. पुणे में रविवार की देर रात एक अनियंत्रित ट्रक ने फुटपाथ पर सो रहे नौ लोगों को कुचल दिया. ये सभी विदर्भ के अमरावती जिले के थे और काम की तलाश में पुणे आए थे. इनमें से तीन की मौत हो गई. पुलिस ने ट्रक चालक गजानन तोतरे को गिरफ्तार कर लिया है. रविवार को ही बिहार के पूर्णिया जिले में शराब के नशे में पिकअप वाहन चला रहे चालक ने 13 लोगों को रौंद दिया. इनमें से 6 लोगों की मौत हो गई. पिकअप चालक का एक बाइक सवार से विवाद हो गया.
पिकअप चलाने वाला नशे में चूर था. उसने गुस्से में सड़क किनारे खड़े लोगों पर गाड़ी चढ़ा दी. इन वारदातों को तो सामान्य ड्राइवरों ने अंजाम दिया. 1999 में नौसेना के एक शीर्ष अधिकारी के पोते ने दिल्ली में शराब के नशे में सुबह 4 बजे लोधी रोड पर तीन पुलिस अफसरों समेत छह लोगों को कुचलकर मार दिया था. सालों मुकदमा चलने के बाद आरोपी राजीव नंदा मामूली सजा पाकर छूट गया.
28 सितंबर 2002 को मुंबई के बांद्रा हिल रोड पर अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी के पास फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों को तेज रफ्तार लैंड क्रूजर कार ने रौंद दिया था. कार की गति इतनी ज्यादा थी कि चालक उस पर नियंत्रण नहीं रख सका और फुटपाथ पर गाड़ी चढ़ गई. आरोप था कि मशहूर फिल्म अभिनेता सलमान खान इस गाड़ी को चला रहे थे और वह भी शराब के नशे में.
हालांकि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि गाड़ी सलमान खान ही चला रहे थे. आरोप भी लगा कि सलमान को बचाने के लिए पुलिस ने मामले की जांच में उदासीनता बरती जिसका फायदा उठाकर अभिनेता बरी होने में सफल हो गए. पुणे में इसी साल 19 मई को एक नामी बिल्डर का 17 वर्ष का नाबालिग बेटा शराब के नशे में चूर होकर तेज गति से कार चला रहा था.
उसने दो मोटरसाइकिल चालकों को कुचलकर उनकी जान ले ली. अगर जनता ने उग्र रूप धारण नहीं किया होता तो शायद पुलिस इस केस का हश्र भी सलमान खान हिट एंड रन केस की तरह कर देती. नागपुर में कुछ माह पहले देर रात कथित रूप से नशे में गाड़ी चला रही धनाढ्य परिवार की महिला रितिका मालू ने अपने वाहन से दो लोगों को कुचल दिया.
इस मामले में भी पुलिस का रवैया उदासीनता का रहा लेकिन जनाक्रोश भड़क जाने के बाद वह मालू के खिलाफ गंभीरता से हरकत में आई. मुंबई में 7 जुलाई को एक बीएमडब्ल्यू कार ने बेकाबू होकर एक दंपति को कुचल दिया. गाड़ी चलाने वाला शिवसेना के नेता राजेश शाह का पुत्र था. सलमान और राजीव नंदा के मामले अपने जमाने में बेहद चर्चित रहे.
अगर इन मामलों में दोषियों को सख्त सजा मिल जाती तो एक सख्त संदेश जाता कि वाहन चलाते वक्त अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो दोषियों को गंभीर सजा भुगतनी पड़ेगी. भारत में लापरवाही से वाहन चलाने की प्रवृत्ति का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश में हर साल होने वाले 5 लाख से ज्यादा सड़क हादसों के लिए नियमों का खुला उल्लंघन तथा वाहन चालकों की लापरवाही जिम्मेदार माने जाते हैं. इसके अलावा शराब पीकर वाहन चलाना और वाहनों का खराब रखरखाव, नाबालिगाें के हाथ में वाहन दे देना भी दुर्घटनाओं को न्यौता देते हैं.
खराब सड़कें दुर्घटनाओं के लिए निश्चित रूप से जिम्मेदार हैं लेकिन 80 प्रतिशत से ज्यादा हादसे नियम तोड़ने तथा अन्य व्यक्तिगत कारणों से होते हैं. हिट एंड रन के मामले तो तेजी से बढ़ रहे हैं. 2013 में फुटपाथ पर वाहन चढ़ा देने समेत हिट एंड रन के 49576 मामले सामने आए थे जो 2022 में बढ़कर 67387 तथा 2023 में 68 हजार से ज्यादा हो गए.
भारतीय न्याय संहिता में सड़क हादसों में दोषी पाए जाने पर 5 से 10 वर्ष की सजा के प्रावधान का ट्रक चालकों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है और तर्क दिया है कि इससे लोग ट्रक ड्राइवरी के पेशे में नहीं आएंगे. इसका मतलब यह हुआ कि आप वाहनों से लोगों की जान से खेलते रहें और आपको सजा भी न दी जाए! पुणे, पूर्णिया, दिल्ली, मुंबई के हादसे हमें नियमों का पालन करने का महत्व बताते हैं लेकिन कोई सबक सीखने को तैयार नहीं होता.