लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: जनसक्रियता से ही दूर होंगी समस्याएं

By गिरीश्वर मिश्र | Updated: November 6, 2023 10:22 IST

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की सुबह ऐसी हो रही है कि धुंध के बीच सूरज छिप जा रहा है और हवा जहरीली हो गई है। घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है। पर उससे भी काम नहीं चलता क्योंकि वही हवा घर के भीतर भी पहुंच रही है।

Open in App
ठळक मुद्देजीने के लिए सांस लेनी होगी और सांस लेते हुए जहर निगलना ही पड़ेगा अस्पतालों में श्वास के रोगी बहुत बढ़ गए हैं। हृदय और मधुमेह के रोगियों की मुसीबत और बढ़ गई हैराजधानी गैस चेम्बर सरीखी बन रही है और उससे बचाव के लिए प्राइमरी स्कूल बंद करने का फैसला लेना पड़ा

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की सुबह ऐसी हो रही है कि धुंध के बीच सूरज छिप जा रहा है और हवा जहरीली हो गई है। घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है। पर उससे भी काम नहीं चलता क्योंकि वही हवा घर के भीतर भी पहुंच रही है। जीने के लिए सांस लेनी होगी और सांस लेते हुए जहर निगलना ही पड़ेगा। इस हालत का बच्चों और बूढ़ों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। अस्पतालों में श्वास के रोगी बहुत बढ़ गए हैं। हृदय और मधुमेह के रोगियों की मुसीबत और बढ़ गई है।

खबरें हैं कि करवा चौथ के दिन भारतीयों ने पंद्रह हजार करोड़ की खरीदारी की। निश्चय ही यह तथ्य बताता है कि लोगों की क्रय शक्ति में इजाफा हुआ है। ऐसे में बाजार की धमाचौकड़ी बढ़ती है। इसी के साथ सड़कों पर मोटर वाहनों की संख्या भी बेतहाशा बढ़ रही है जिनसे दैनिक जाम लगना आम बात हो गई है और साथ ही वायु प्रदूषण भी अनिवार्य रूप से अनियंत्रित होता जा रहा है। परंतु स्मॉग यानी धुआं और धूल-धक्कड़ के मिश्रण की बहुतायत का मुख्य और फौरी कारण आसपास के खेतों में किसानों द्वारा पराली जलाने से उपजा धुआं है। देश की राजधानी गैस चेम्बर सरीखी बन रही है और उससे बचाव के लिए प्राइमरी स्कूल बंद करने का फैसला लेना पड़ा।

पर यह कोई समाधान नहीं है और इस स्थिति के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव से बचने का कोई मार्ग नहीं है। सामाजिक समस्याओं के प्रति इस तरह की उदासीनताओं के हम आदी होते जा रहे हैं। हम समस्याओं को तब तक बढ़ने देते हैं जब तक वे विस्फोटक न हो जाएं। टूटने के कगार पर पहुंचने के बाद ही सरकार के कान पर जूं रेंगती है और तब कुछ किया जाता है। जन-प्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद अक्सर सिर्फ अपने निजी हित को ही सुरक्षित रखने में लगे रहते हैं। जनता और जनता की कठिनाइयां धरी की धरी रह जाती हैं।

विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होने की, विश्व गुरु होने की और वैश्विक नेतृत्व की हमारी महत्वाकांक्षाओं के शोर-शराबे में पर्यावरण, सामाजिक समरसता, मूल्यपरक शिक्षा और नैतिकता के जरूरी और जायज सवाल दब जाते हैं या फिर विचार के क्रम में मुल्तवी रख दिए जाते हैं। अमृत काल के उत्सव में हमें अपने अंदर झांकना होगा और सबको जगाना होगा। तभी सच्चे और पूरे रूप में स्वराज आ सकेगा।

टॅग्स :Air Quality Commissionदिल्लीपंजाबमुंबईMumbai
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

भारतIndiGo Flight Crisis: 8 एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द, यहां देखें दिल्ली-मुंबई समेत शहरों की इंडिगो फ्लाइट लिस्ट

भारतPutin visit India: पीएम मोदी और पुतिन के बीच होगा प्राइवेट डिनर, मेजबानी के लिए पीएम तैयार

भारतPutin visit India: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के दौरे से पहले दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, SWAT टीमें और पुलिस की तैनाती

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई