लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: पाकिस्तान के हाथ से फिसलता पीओके

By विवेक शुक्ला | Updated: May 15, 2024 13:14 IST

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के बहुत बड़े हिस्से में इन दिनों अवाम सड़कों पर है। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से सिर्फ 130 किमी दूर पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद और मीरपुर जैसे प्रमुख शहरों में सरकार से जनता दो-दो हाथ करना चाहती है।

Open in App

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के बहुत बड़े हिस्से में इन दिनों अवाम सड़कों पर है।  जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से सिर्फ 130 किमी दूर पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद और मीरपुर जैसे प्रमुख शहरों में सरकार से जनता दो-दो हाथ करना चाहती है। जनता पीओके सरकार और देश की संघीय सरकारों से अपना हक मांग रही है।

पीओके में जब आंदोलन चल रहा है, तब भारत के लोकसभा चुनाव के कैंपेन में पीओके का जिक्र हो रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते रविवार को कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का है, उसे हम लेकर रहेंगे। पीओके को भारत से मिलाने पर भारतीय संसद का एक अहम प्रस्ताव भी है।

बहरहाल, पीओके की बिगड़ती स्थिति की वजह से पाकिस्तान के रहनुमाओं की रातों की नींदें उड़ गई हैं। पाकिस्तान तो भारत के जम्मू-कश्मीर पर बार-बार अपना दावा करता है, पर दुनिया देख रही है कि उसके कब्जे वाला कश्मीर जल रहा है। पीओके की जनता बिजली के भारी-भरकम बिलों और आटे के आसमान छूते दामों के कारण नाराज है। वहां पर संकट गहराता जा रहा है। 

दरअसल सोशल मीडिया के दौर में पीओके की जनता देख रही है कि भारत के कश्मीर में जनता कम से कम बिजली के बिलों या आटे की आसमान छूती कीमतों के कारण तो नाराज नहीं है। वहां अन्य मसले हो सकते हैं, पर कुल मिलाकर जीवन सुकून भरा है। पीओके में ताजा हिंसक आंदोलन की तात्कालिक वजह यह है कि पाकिस्तान सरकार ने आटे की कीमतों को कम करने की मांग को मानने से इनकार कर दिया है। बिजली के बिल कम करने पर तो सरकार आंदोलनकारियों से कोई बात करने तो वैसे भी तैयार नहीं है।

दरअसल पीओके में बवाल तब शुरू हुआ जब अवामी एक्शन कमेटी ने 8 मई 2023 को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किए थे। इससे पहले, बीते साल अगस्त में बिजली बिलों पर नए करों को लगाने से स्थिति बिगड़ने लगी थी। इन करों के विरोध में मुजफ्फराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू किए थे, जिन्हें स्थानीय व्यापारियों का समर्थन मिला।

ये प्रदर्शन जल्दी ही रावलकोट और मीरपुर जिलों तक फैल गए। पिछले साल 17 सितंबर को मुजफ्फराबाद में एक बैठक के बाद, आवामी एक्शन कमेटी ने अपने आंदोलन को राज्यव्यापी करने का फैसला किया। इसके बाद पीओके में बिजली बिलों को जलाया जाने लगा। इसके जवाब में, सरकार ने कई आंदोलनकारिय़ों को गिरफ्तार किया, लेकिन जनता के दबाव के कारण उन्हें रिहा कर दिया था।

टॅग्स :पाकिस्तानभारतPakistan Armyपाकिस्तान उच्चायोग
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई