दुनिया के शक्तिशाली नेता डोनाल्ड ट्रम्प, व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग को क्या उम्र के आधार पर अमेरिका, रूस और चीन की जनता ही नहीं दुनिया स्वीकारती या अस्वीकारती है? ट्रम्प 79 पार हैं, पुतिन और शी जिनपिंग 70 पार कर चुके हैं. इस समय भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सत्ता या प्रतिपक्ष में कौन सा ऐसा नेता हैं, जो इन महाशक्तियों की क्षमता और कमजोरियों को करीब से समझता जानता हो और उनके साथ भारत का पलड़ा भारी रखकर संवाद कर सकता हो? मोदी की देश में जितनी व्यापक लोकप्रियता है, वह भी देश-दुनिया के लोग समझते हैं.
शायद यही कारण है कि उनके कुछ घोर विरोधी नेता नरेंद्र मोदी के सितंबर में 75 वर्ष के होने पर प्रधानमंत्री पद से हटने की निरर्थक बातें उठा रहे हैं. बहरहाल, इस वर्तमान विवाद का एक कारण भाजपा के पिछले कुछ राजनीतिक निर्णय अवश्य माने जा सकते हैं. वैसे तो भाजपा की ऐसी कोई नीति नहीं है कि शीर्ष पद के लिए उम्र निर्धारित हो.
लेकिन अतीत में लालकृष्ण आडवाणी, सुमित्रा महाजन से लेकर मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता भी 75 साल की उम्र के बाद राजनीति से हट गए थे. मई 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75 साल के होने के बाद रिटायरमेंट की अफवाहें अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं द्वारा उड़ाई गई थीं. तब वरिष्ठ नेता अमित शाह और राजनाथ सिंह ने ऐसी अफवाह का खंडन किया था.
भाजपा ने कभी भी इस 75 पार वाले नियम को लिखित में दर्ज नहीं किया, लेकिन यह बात 2014 से ही चर्चा में रही. 2016 में इसी आधार पर गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गुजराती में लिखी एक फेसबुक पोस्ट में पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था कि उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए क्योंकि वे नवंबर में 75 वर्ष की होने वाली थीं.
इससे पहले जुलाई, 2016 में नजमा हेपतुल्ला ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, जो तब 76 साल की थीं. इनके अलावा यशवंत सिन्हा, उत्तराखंड के पूर्व सीएम बीसी खंडूरी, जसवंत सिंह, अरुण शौरी, लालजी टंडन, कल्याण सिंह, केशरी नाथ त्रिपाठी समेत कई नेता उम्र की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर हो गए. दूसरी तरफ 75 पार करने के बावजूद कर्नाटक में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया गया.
अब नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय जाने और सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ कार्यक्रम में रहने पर उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के संजय राऊत द्वारा और सोशल मीडिया में मोदी के रिटायरमेंट प्लान की अफवाहें चलाई गईं.
तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राऊत की बात का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी 2029 में भी प्रधानमंत्री बनेंगे. उन्होंने मोदी को भाजपा का पिता कहा और इस बात पर जोर दिया कि पिता के रहते उत्तराधिकारी की चर्चा नहीं होती है.
यह पहले से लग रहा था कि जिस 75 साल के सिद्धांत के आधार पर भाजपा के कई पुराने नेता रिटायर हुए, वह मोदी पर लागू नहीं होगा. मोदी न केवल संघ के सिद्धांतों और हिंदुत्व के आदर्शों को क्रियान्वित कर रहे, बल्कि लोकप्रियता के शिखर पर हैं. अब फडणवीस की बातों ने इस पर मुहर लगा दी है.