राष्ट्रविरोधी ताकतें भारत में रक्तपात के जरिए अस्थिरता फैलाने की गहरी साजिश में जुटी हुई हैं. ये ताकतें लाख कोशिशें कर लें, अपने मंसूबाें में कभी सफल नहीं हाे पाएंगी. ये राष्ट्रविरोधी तत्व पाकिस्तान के इशारे पर भारत में अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने में जुटी हुई हैं. उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि भारत एक मजबूत देश है.
भारतीय सेना, सुरक्षा बल, खुफिया एजेंसियां तथा देश का एक-एक जवान अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जाकर बलिदान करने को तैयार रहता है. इन राष्ट्रविरोधी ताकतों के ताजा षड्यंत्र को रविवार और साेमवार को हमारी खुफिया एजेंसी एवं सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया.
गुजरात एटीएस ने चीन से डाॅक्टरी की पढ़ाई करके आए एक व्यक्ति सहित तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार कर भारत में भीषण तबाही मचाने की साजिश को नाकाम कर दिया. इस बार आतंकी जहर तैयार कर बड़ी संख्या में लोगों की जान लेने की साजिश रच रहे थे. ये लोग ‘रिसिन’ नामक अत्यधिक जहरीला रसायन बना रहे थे.
इन लोगों ने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद सहित देश के कई नगरों में संवेदनशील स्थानों की रेकी की थी. रविवार को ही सुरक्षा बलों ने कश्मीर में सिम कार्ड के माध्यम से आतंक फैलाने की साजिश को विफल कर दिया. इस सिलसिले में सोमवार को भी कश्मीर में बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई और 7 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आतंकवादी अपनी गतिविधियों के लिए छोटे शहरों को अपना कार्य क्षेत्र बना रहे हैं. दिल्ली के पास फरीदाबाद के धाैजगांव में सोमवार को करीब 360 किलो विस्फोटक बरामद किए गए. दूसरी ओर कश्मीर में सोमवार को करीब तीन हजार किलो विस्फोटक बनाने वाली सामग्री जब्त की गई. आतंकियों ने अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए नए पैंतरे अपनाने शुरू कर दिए हैं.
उन्होंने समाज में बुद्धिजीवी समझे जानेवाले लोगों को अपनी टीम में शामिल करना शुरू कर दिया है. रविवार को गुजरात में जो आतंकी पकड़े गए थे, उनमें से एक डाॅक्टर है. सोमवार को कश्मीर से जो सात संदिग्ध आतंकी पकड़े गए, उनमें दो चिकित्सक और एक उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा छात्र है. भारत सरकार देश की रक्षा के लिए पूरी तरह चाैकन्नी है.
यही कारण है कि पिछले एक दशक में देश के विभिन्न स्थलों पर रक्तपात करने की आतंकी साजिशों को विफल कर दिया गया. इस वर्ष अप्रैल में पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या का बदला भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करके लिया. इससे पाकिस्तान और बाैखला गया है.
भारत से बार-बार युद्ध में मुंह की खाने और अपना एक हिस्सा गंवा देने के बाद पाकिस्तान हमारे साथ सीधा युद्ध करने का साहस जुटा नहीं पा रहा है. इसीलिए उसने छद्म युद्ध शुरू किया है जिसमें आतंकवादी उसका मुख्य हथियार बन गए हैं. पाकिस्तान के सक्रिय सहयोग से आतंकियों ने हमारे देश पर कई हिस्सों में रक्तपात किया लेकिन हमारे सुरक्षा बलों के मजबूत इरादों ने आतंकवाद की कमर तोड़कर रख दी है.
आतंकवाद हमारे देश में अंतिम सांस ले रहा है. पाकिस्तान को मालूम है कि परोक्ष या अपरोक्ष युद्ध से वह कश्मीर को हासिल नहीं कर सकता. इसके विपरीत आज हालात यह पैदा हो गए हैं कि कश्मीर के जिस हिस्से पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है, वह निकट भविष्य में फिर से हमारे देश का हिस्सा बन जाए तो आश्चर्य नहीं.
बलूचिस्तान में जनता पाकिस्तान से अलग होने के लिए जंग लड़ रही है. माैजूदा सत्ता के खिलाफ पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में युवा सड़कों पर उतर आए हैं. महंगाई आसमान छू रही है, लाखों बच्चे पेट भरने के लिए मजदूरी कर रहे हैं, कानून और व्यवस्था चाैपट हो चुकी है. इन सबके बावजूद पाकिस्तान के हुक्मरान भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें रचने में मशगूल हैं.
उन्हें अपने देश की फिक्र नहीं हैं. भारत के खिलाफ आतंकियों का पोषण करने के लिए पाकिस्तान अरबों रुपए बर्बाद कर रहा है, फिर भी उसे अपने नापाक इरादों में सफलता नहीं मिल रही है. चाहे आर्थिक हो या सैन्यबल भारत दुनिया में सफलता की नई इबारत लिख रहा है. पाकिस्तान अगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे.