ब्लॉग: चुनावों में क्यों महत्वपूर्ण हैं सिर्फ चार विशेष जातियां?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 12, 2024 10:39 AM2024-04-12T10:39:49+5:302024-04-12T10:39:52+5:30
Lok Sabha Election 2024: महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अभी तक एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है और तीन करोड़ को बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीति में जाति की भूमिका और जाति गठबंधन पर चर्चा प्रारंभ हो गई है। यद्यपि लोकतंत्र को जाति का विरोधी माना जाता है क्योंकि लोकतंत्र समानता के मूल्य पर आधारित है और जाति असमानता के मूल्यों पर, फिर भी भारत के चुनावों में जाति एक बड़ी भूमिका अदा करती है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प नारी, युवा, किसान और गरीब के चार अमृत स्तंभों पर टिका है और यही चार उनके लिए सबसे बड़ी जातियां हैं, जिनका उत्थान ही भारत को विकसित बनाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चारों जातियां जब सारी समस्याओं से मुक्त होंगी और सशक्त होंगी तभी स्वाभाविक रूप से देश की हर जाति और पूरा देश सशक्त होगा। प्रधानमंत्री का यह विचार न सिर्फ सशक्त भारत की नींव रखने में सक्षम है अपितु राजनीति में जातियों के प्रभाव को समाप्त करने और एक नया विमर्श स्थापित करने में प्रभावी सिद्ध होगा।
लोकतंत्र में देश के सभी नागरिकों के लिए समान अवसर होना चाहिए। जाति को राजनीतिक हथियार बनाकर सत्ता प्राप्त करना आसान है लेकिन लोकतांत्रिक उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति को बिना भेदभाव के आगे बढ़ने का बराबर अवसर प्राप्त हो। प्रधानमंत्री की यह पहल सराहनीय है कि जातियों को नए संदर्भ में परिभाषित किया जाए और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को सार्थक बनाने के लिए उन्हें निरंतर सशक्त किया जाए।
आधुनिक संदर्भ में यह चारों जातियां भारतीय सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। युवा, महिला, किसान और गरीब को सशक्त बनाने का प्रयास न सिर्फ लोकतांत्रिक उद्देश्यों को पूर्ण करेगा, अपितु जातीय घृणा और कटुता को समाप्त करके आदर्श लोकतांत्रिक समाज का निर्माण करेगा। हाल ही में घोषित अंतरिम केंद्रीय बजट में महिलाओं, किसानों, युवाओं और गरीबों के लिए विशेष कार्यक्रमों और उत्थान की नीतियों की घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री का कहना है कि 11 करोड़ 80 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि और करोड़ों किसानों को प्रधानमंत्री फसल योजना का लाभ मिला है। किसानों की आय दोगुनी करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अभी तक एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है और तीन करोड़ को बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
महिलाओं को उद्यमिता से जोड़ने और कौशल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है। गरीबों और युवाओं के लिए भी अंतरिम बजट में महत्वपूर्ण प्रावधान किया गया है। ऐसे निरंतर सार्थक प्रयत्नों से ही लोकतंत्र में जन्म पर आधारित जाति व्यवस्था की भूमिका कमजोर होगी।