लाइव न्यूज़ :

जयंती लाल भंडारी का ब्लॉगः क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारी की डगर

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 18, 2018 18:26 IST

Open in App

जयंतीलाल भंडारी

पिछले दिनों 13 से 15 नवंबर को सिंगापुर में आयोजत क्षेत्रीय आर्थिक साङोदारी सम्मेलनों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से भारत क्षेत्रीय आर्थिक साङोदारी की नई डगर पर आगे बढ़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साङोदारी (आरसीईपी) समझौते पर इससे संबंधित देशों के राष्ट्रप्रमुखों के सम्मेलन में शामिल हुए. यह महत्वाकांक्षी समझौता 10 आसियान देशों (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस, लाओस और वियतनाम) के अलावा न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान व द. कोरिया के बीच प्रस्तावित है.  इस सम्मेलन के बाद संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि आरसीईपी के लिए सात क्षेत्रों में सहमति बन गई है. इसमें आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग, लघु एवं मझोले उद्यम, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं एवं व्यापार सुविधा, सरकारी खरीद, संस्थागत प्रावधान, स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता उपायों तथा मानक, तकनीकी नियमन एवं सहमति मूल्यांकन प्रक्रियाएं शामिल हैं.  इस सम्मेलन के दौरान मोदी ने 2019 तक इस समझौते को अंतिम रूप देने का आह्वान किया. 

निसंदेह आसियान और पूर्वी एशियाई देशों के साथ भारत के लगातार संबंध अच्छे होते गए हैं. इसका फायदा नए क्षेत्रीय आर्थिक समझौते के बाद और ज्यादा बढ़ेगा.  इस समय भारत आसियान का चौथा सबसे बड़ा साङोदार है. जो भारत-आसियान व्यापार 1990 में मात्र 2.4 अरब डॉलर का था वहीं वह वर्ष 2016-17 में करीब 80 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया है. इसे 2022 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

इसमें कोई दोमत नहीं है कि भारत ने पूरब में काम करो की अहमियत को समझकर आसियान तथा पूर्वी एशियाई देशों से संबंध बढ़ाने की कवायद तेज की है. ऐसे में अब भारत को आसियान और पूर्वी एशियाई देशों में आरसीईपी समझौते पर अपनी नई छाप छोड़ने के साथ-साथ चमकीली व्यापार संभावनाओं को साकार करने हेतु रणनीतिक प्रयास करने होंगे.

टॅग्स :भारतीय अर्थव्यवस्था
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारIndiGo Cancellation Chaos: 10 दिन में इंडिगो की 4,000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द, 1000 करोड़ रुपये का नुकसान?, दिल्ली बाजार संगठनों का दावा-25 प्रतिशत की गिरावट?

कारोबार'ट्रंप टैरिफ' के बावजूद FY26 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़कर 8.2% हुई

कारोबारमातृत्व के चलते महिलाओं के सामने कई संकट, आय, पदोन्नति और करियर में तरक्की से हाथ धोना, खामोशी के साथ जमा पूंजी भी खर्च?

कारोबारअर्थव्यवस्था की ताकत सेवा क्षेत्र, 55 फीसदी योगदान और 30 फीसदी को रोजगार

कारोबारघरेलू खपत के दम पर मजबूत बनी हुई है अर्थव्यवस्था

भारत अधिक खबरें

भारतचुनाव वाले तमिलनाडु में SIR के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 97 लाख नाम हटा गए

भारतGujarat: एसआईआर के बाद गुजरात की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, 73.7 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए

भारतबृहन्मुंबई महानगरपालिका 2026ः सभी 227 सीट पर चुनाव, 21 उम्मीदवारों की पहली सूची, देखिए पूरी सूची

भारतWeather Report 20 December: मौसम विभाग ने इन राज्यों में घने कोहरे के लिए रेड और येलो अलर्ट जारी किया

भारतहरियाणा सरकार पर जनता का नॉन-स्टॉप भरोसा, मुख्यमंत्री