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भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: चीन से शुरू करना चाहिए ट्रेड वॉर

By भरत झुनझुनवाला | Updated: February 17, 2020 06:01 IST

हमारी परिस्थिति अमेरिका के समतुल्य ही है. जिस प्रकार अमेरिका में चीन से बने माल का आयात अधिक और निर्यात कम हो रहा था भारत की परिस्थिति उसी के समान  है. अत: यदि हम अमेरिका से सबक लें तो हमें भी चीन के साथ ट्रेड वॉर शुरू करना चाहिए.

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बीते समय में अमेरिका और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता हुआ है. पिछले कई वर्षो से अमेरिका में चीन से माल का आयात बहुत अधिक मात्ना में हो रहा था और निर्यात तुलना में बहुत ही कम हो रहा था. अमेरिका का व्यापार घाटा बढ़ रहा था. इस समस्या से निजात पाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने चीन के साथ ट्रेड वॉर शुरू किया. उन्होंने चीन से आयात होने वाले माल पर भारी मात्ना में आयात कर लगा दिए और पलटवार करते हुए चीन ने भी अमेरिका से आयात होने वाले कुछ माल पर आयात कर बढ़ा दिए.

इन दोनों महारथियों के आपस में ट्रेड वॉर में लिप्त होने से संपूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था भी मंद होने लगी. जब अमेरिका को आयात कम हुए तो चीन द्वारा अमेरिका को सप्लाई करने के लिए माल कम बनाया जाने लगा और इस माल को बनाने में दूसरे देशों से कच्चे माल का आयात कम हुआ. प्रश्न है कि अमेरिका में चीन से माल का आयात अधिक क्यों होने लगा?

कारण यह है कि अमेरिका में माल का उत्पादन महंगा पड़ने लगा. अमेरिका में चीन की तुलना में श्रमिक के वेतन अधिक हैं और पर्यावरण की हानि करने की भी छूट कम है. चीन की फैक्टरियों द्वारा भारी मात्ना में कार्बन का उत्सर्जन किया जाता है जिससे लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है. बीते वर्ष जब ट्रम्प चीन की यात्ना पर गए तो चीन ने बीजिंग के आसपास सभी कारखानों को बंद कर दिया और उनकी यात्ना के समय चीन की वायु स्वच्छ हो गई. चीन में सस्ते वेतन और पर्यावरण की हानि के कारण चीन में माल के उत्पादन का मूल्य कम पड़ता है और उसका माल अमेरिका में भारी मात्ना में प्रवेश कर रहा था.

अमेरिकी उपभोक्ता को चीन में बना सस्ता माल आसानी से उपलब्ध हो रहा था और वे उपभोक्ता जिनके पास रोजगार था वे अति प्रसन्न थे. लेकिन समस्या यह उत्पन्न हो गई कि जब अमेरिका में माल के उत्पादन की लागत अधिक पड़ने लगी और चीन से सस्ता माल आयातित होने लगा तो अमेरिका की फैक्टरियां बंद होने लगीं. अमेरिका में श्रमिक बेरोजगार होने लगे. राष्ट्रपति ट्रम्प को तय करना था कि वे अपने नागरिकों को सस्ता माल उपलब्ध कराएंगे अथवा रोजगार.

उन्होंने तय किया कि मूल बात रोजगार की है. पहले नागरिकों को रोजगार मिलना चाहिए. राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा आयात कर बढ़ाये जाने के बाद जब ट्रेड वॉर गहराने लगा तब चीन ने घुटने टेके और ट्रम्प के साथ समझौता किया. चीन ने वादा किया है कि वह आने वाले समय में भारी मात्ना में अमेरिका से माल का आयात करेगा और अमेरिका ने भी वादा किया कि आरोपित आयात करों में कुछ ढील दी जाएगी. दोनों देशों ने संतुलित व्यापार की ओर कदम बढ़ाए हैं.

हमारी परिस्थिति अमेरिका के समतुल्य ही है. जिस प्रकार अमेरिका में चीन से बने माल का आयात अधिक और निर्यात कम हो रहा था भारत की परिस्थिति उसी के समान  है. अत: यदि हम अमेरिका से सबक लें तो हमें भी चीन के साथ ट्रेड वॉर शुरू करना चाहिए. 

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