वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कश्मीर, धारा-35 ए पर बहस

By वेद प्रताप वैदिक | Published: March 31, 2019 06:40 AM2019-03-31T06:40:18+5:302019-03-31T06:40:52+5:30

यह स्थायी निवासियों को कश्मीर में संपत्ति खरीदने का अधिकार देती है और गैर-कश्मीरियों को उससे वंचित करती है. गैर-कश्मीरियों से विवाहित स्त्रियों को भी इस अधिकार से वंचित करती है.

article 35 a is a subject of serious concern and debate | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कश्मीर, धारा-35 ए पर बहस

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कश्मीर, धारा-35 ए पर बहस

आजकल भाजपा और मोदी सरकार के प्रभावशाली प्रवक्ता बने हुए वित्त मंत्नी अरुण जेटली ने कश्मीर पर फिर एक बहस छेड़ दी है. उन्होंने कहा है कि धारा 35-ए खत्म की जानी चाहिए और यह भारतीय संविधान में ‘चुपके से’ घुसाई गई है.

उन्होंने इसे ऐतिहासिक भूल कहा है. उनके बयान का लगभग हर बड़े कश्मीरी नेता ने विरोध किया है और यहां तक कहा है कि यदि धारा 35-ए हटा दी गई तो कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा. 

यहां पहले हम जानें कि धारा-35 ए है क्या? यह वह धारा है, जिसे राष्ट्रपति के एक आदेश से 1954 में भारत के संविधान में जोड़ा गया था. इसे धारा 370 के तहत ही बाद में विधिवत संविधान का हिस्सा बनाया गया था. इस धारा के चार प्रमुख आयाम हैं. पहला, यह तय करती है कि कश्मीर के स्थायी या असली निवासी कौन हैं. यह कश्मीरी और गैर-कश्मीरी में फर्क बताती है.

दूसरा, यह स्थायी निवासियों को कश्मीर में संपत्ति खरीदने का अधिकार देती है और गैर-कश्मीरियों को उससे वंचित करती है. गैर-कश्मीरियों से विवाहित स्त्रियों को भी इस अधिकार से वंचित करती है.

तीसरा, सरकारी नौकरियां सिर्फ कश्मीरी ही ले सकते हैं, कोई अन्य भारतीय नहीं.

चौथा, लोकसभा के चुनावों में तो कश्मीर का कोई गैर-कश्मीरी निवासी भी वोट दे सकता है लेकिन विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव में किसी बाहरी आदमी को वोट डालने का अधिकार नहीं है. लेकिन सारे भारत में कश्मीरियों पर कोई रोक-टोक नहीं है.

उन्हें भारत के हर प्रांत में वही अधिकार प्राप्त हैं, जो किसी भी नागरिक को हैं. ऐसे में यह सवाल वाजिब लगता है कि वे ही अधिकार कश्मीर में हर भारतीय नागरिक को क्यों नहीं हैं?  लेकिन चुनाव के वक्त इस मुद्दे को उठाने की बजाय यदि सरकार अपने पहले हफ्ते में ही इसका हल कर देती तो अच्छा होता. 

अब इस मुद्दे को चुनाव के वक्त उठाने का लक्ष्य यदि राष्ट्रवादियों या हिंदुओं के वोट पाना है तो यह पैंतरा कश्मीरी नेताओं को भड़काए बिना नहीं रहेगा.

Web Title: article 35 a is a subject of serious concern and debate

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