शनिल देसाई
ऐसे समय में, जबकि पूरा देश शोकाकुल है, विमानन समुदाय से जुड़े लोग भय के साथ नहीं, बल्कि तथ्यों के साथ इस पर विचार कर रहे हैं तथा सुरक्षा के प्रति नई प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं. 12 जून, 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 171, बोइंग 7878 ड्रीमलाइनर ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 13 बजकर 38 मिनट पर लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरी. उड़ान भरने के सिर्फ 30 सेकंड बाद, लगभग 625 फुट पर, विमान ने मेडे जारी किया और तेजी से नीचे आना शुरू कर दिया. यह मेघानी नगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के एक छात्रावास की इमारत से टकराया और विस्फोट के बाद एक बड़े आग के गोले में तब्दील हो गया. हवाई अड्डे से सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, प्रारंभिक अवलोकन से पता चलता है कि विमान ने उड़ान भरी, 500 फुट से अधिक की ऊंचाई हासिल की.
लगभग 30 सेकंड के भीतर, पायलट ने एक मेडे कॉल जारी किया - वैश्विक आपातकालीन संकट संकेत, जिसका अर्थ है ‘मुझे मदद चाहिए.’ हालांकि सटीक कारण की जांच जारी है तथा हम ब्लैक बॉक्स के निष्कर्षों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन प्रारंभिक संकेत टेक ऑफ के दौरान ही संभावित तकनीकी खराबी का संकेत देते हैं - जो किसी भी उड़ान का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है.
ऐसे मामलों में एक संभावित तकनीकी परिदृश्य यह है - और मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि यह सिर्फ संभावना है, जरूरी नहीं कि ऐसा ही हुआ हो- कि पावर-ऑन स्टॉल की स्थिति बनी हो, जहां विमान इंजन के जोर के बावजूद ऊंचाई पर जाने के लिए अपेक्षित शक्ति हासिल नहीं कर पाता.
हालांकि, यह आवश्यक है कि हम तब तक कोई निष्कर्ष न निकालें जब तक कि एफडीआर और सीवीआर को डिकोड न कर लिया जाए और उसका आधिकारिक विश्लेषण न कर लिया जाए.दुर्घटना के कुछ ही घंटों के भीतर, अधिकारियों ने पुष्टि की कि फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) - जिसे ज्यादातर लोग ‘ब्लैक बॉक्स’ कहते हैं - को एयरक्राफ्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एआईबी) द्वारा मलबे से सफलतापूर्वक बरामद कर लिया गया है. ये उपकरण आम तौर पर विमान के पिछले हिस्से में, अक्सर टेल सेक्शन में या उसके पास स्थित होते हैं,
ताकि दुर्घटनाओं में इनके बचने की संभावना बढ़ जाए, ब्लैक बॉक्स का रंग काला नहीं होता है, बल्कि इसे फ्लोरोसेंट रंग में रंगा जाता है ताकि जमीन या पानी में किसी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इसकी पहचान करने में मदद मिल सके.भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधीन काम करने वाला एयरक्राफ्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एआईबी) एफडीआर और सीवीआर को डिकोड करने के लिए जिम्मेदार है. ये रिकॉर्डिंग विमान के प्रदर्शन और दुर्घटना से पहले के क्षणों में पायलटों की गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगी.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला डीजीसीए व्यापक जांच, प्रमाणन और ऑडिट के माध्यम से भारत में विमानन सुरक्षा को नियंत्रित करता है. इस तरह की घटनाएं, भले ही वे बहुत विरल हों, हमें उस सटीकता और सतर्कता की याद दिलाती हैं जिसकी विमानन को हर दिन आवश्यकता होती है - न केवल वाणिज्यिक एयरलाइनों में बल्कि सभी क्षेत्रों में,
जिसमें जेटफ्लीट एविएशन जैसे हमारे निजी चार्टर संचालन भी शामिल हैं. यह केवल शोक मनाने का ही नहीं, बल्कि सुरक्षा, प्रशिक्षण और पारदर्शिता के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का भी क्षण है. आइए हम यह सुनिश्चित करके कि हम और भी अधिक सावधानी, जवाबदेही और करुणा के साथ उड़ान भरेंगे, अपनी जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करें.