8 Years of Yogi Adityanath Government: श्रद्धेय अटल जी की पंक्ति है- “किंतु, अपनी ध्येय-यात्रा में हम कभी रुके नहीं, किसी चुनौती के सम्मुख, कभी झुके नहीं...” इसी ध्येय के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के बिना रुके, बिना थके, बिना डिगे, बिना झुके ‘वंचित को वरीयता’ देते हुए 25 करोड़ प्रदेश वासियों की सेवा, सुरक्षा और समृद्धि को समर्पित ‘कर्तव्य-साधना’ के आठ वर्ष कब पूर्ण हो गए, आभास ही नहीं हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी मार्गदर्शन में सुशासन के मंत्र, गरीब कल्याण के संकल्प, समृद्धि के विजन, अंत्योदय के दर्शन और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लक्ष्य के साथ अविराम जारी ‘कर्तव्य-साधना’ के इन आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने परसेप्शन बदलने में सफलता प्राप्त की है.
मुझे इस बात की असीम प्रसन्नता है कि कभी बीमारू प्रदेश कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश आज व्यवसाय एवं निवेश का सर्वश्रेष्ठ डेस्टिनेशन बनकर देश और दुनिया में पहचाना जा रहा है. उत्तर प्रदेश आज ‘ग्रोथ गियर’ है. उत्तर प्रदेश के विकास की यह यात्रा संकल्प से सिद्धि की यात्रा है. जहां परिश्रम पर्व, सत्ता साधन, सेवा साधना और नीति निर्माण की पर्याय है.
हमें विरासत में अराजकता, अव्यवस्था और अपराध के अंधकार में डूबा हुआ प्रदेश मिला था. ऐसे राज्य को सुरक्षित परिवेश, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, सुगम कनेक्टिविटी और उद्यम अनुकूल नीतियों के द्वारा निवेशकों का ड्रीम डेस्टिनेशन बनाने में हम लोग सफल रहे. विगत आठ वर्षों में प्रदेश को प्राप्त हुए 45 लाख करोड़ रु. से अधिक के निवेश प्रस्ताव इस बात की पुष्टि करते हैं.
विदित हो कि इनमें से 15 लाख करोड़ रु. से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जा चुका है. इसके माध्यम से 60 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी तथा अन्य लाखों लोगों हेतु रोजगार का सृजन हुआ है. स्थापित सत्य है कि सुरक्षा के सुपथ पर ही विकास कुलांचे भरता है और सुगम कनेक्टिविटी उसे तीव्रता प्रदान करती है. ‘नया उत्तर प्रदेश’ उसका जीवंत उदाहरण है.
बीते 8 वर्षों में प्रदेश सरकार ने 6 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में सफलता प्राप्त की है. प्रदेश के 15 करोड़ निर्धनों को प्रतिमाह निःशुल्क अनाज, 1.86 करोड़ से अधिक परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन, 2.86 करोड़ से अधिक किसानों को हर माह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 5.21 करोड़ लाभार्थियों को 5 लाख रु. तक का चिकित्सा सुरक्षा कवच, 56.50 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क आवास जैसी अनेक कल्याणकारी सौगातों ने प्रदेश के करोड़ों नागरिकों के जीवन को आसान बनाया है.
विकास के इस मॉडल ने लोकतंत्र और व्यवस्था के प्रति आमजन के विश्वास को मजबूत किया है. ‘सभी को आवास’ के संकल्प की सिद्धि के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के हर उस लाभार्थी को आवासीय पट्टा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया गया है, जिनके पास आवास निर्माण हेतु भूमि नहीं थी. ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है.
यही तो है अंत्योदय. खुशहाल किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. अन्नदाता किसानों का जीवन सुख, समृद्धि और सुरक्षा के भाव से आलोकित हो, इस हेतु उत्तर प्रदेश सरकार सतत प्रयत्नशील है.सशक्त मातृशक्ति किसी भी सभ्य समाज का आधार होती है. नारीशक्ति के उत्थान हेतु समर्पित व्यवस्था के हृदय में लोकतंत्र सांस लेता है.
विगत आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस भाव को चरितार्थ किया है. मिशन शक्ति के अंतर्गत सरकार ने सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन देकर विकास के मूलाधार से जोड़ा है. स्नातक तक निःशुल्क शिक्षा की सुविधा से जहां उनके जीवन में ज्ञान के आलोक का प्रसार सहज हुआ है, वहीं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, पी.एम.स्वनिधि योजना जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाएं मातृशक्ति के जीवन में सकारात्मकता का सवेरा लेकर आई हैं.
नए उत्तर प्रदेश में युवाओं के सपने को नई उड़ान मिली है. प्रदेश में 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों ने हमारे प्रदेश के युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाने का युगांतरकारी कार्य किया है. विदित हो कि वर्ष 2016 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 18 फीसदी थी, वर्तमान में यह 3 फीसदी है. यह आंकड़ा हमारी रोजगार नीति की सफलता की जीवंत झांकी है.
यह आठ वर्ष हमारी आस्था, अस्मिता, अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक चेतना के उन्नयन का ऐतिहासिक कालखंड है. इन्हीं सौभाग्यशाली आठ वर्षों में हम सभी ने शताब्दियों की प्रतीक्षा, पीढ़ियों के संघर्ष के बाद सकल आस्था के केंद्र, भारत के प्राण प्रभु श्री रामलला को उनके पावन मंदिर में पुनः विराजमान होते हुए देखा है.
हम भव्य-दिव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के साक्षी हैं. महाकुंभ का भव्य दिव्य आयोजन, श्री अयोध्या धाम का विकास, काशी का कायाकल्प और मथुरा-वृंदावन का सुंदरीकरण, ‘दीपोत्सव’, ‘रंगोत्सव’ का आयोजन विगत आठ वर्षों के प्रयासों का सुफल है.
‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र को आत्मसात कर डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन और औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयां दी हैं. रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण/ब्रज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, जैन परिपथ आदि के बहुआयामी विकास से आज अयोध्या, काशी, मथुरा, चित्रकूट, सहारनपुर, श्रावस्ती, गोरखपुर सहित अनेक केंद्र अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं के साथ पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर चमक रहे हैं. उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में मेरे साथ हर नागरिक सहभागी है.
मेरे लिए किसान केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के अग्रदूत हैं. युवा मात्र विद्यार्थी नहीं, बल्कि परिवर्तन के वाहक हैं. मातृशक्ति गृहलक्ष्मी के साथ ही हमारे समाज की रीढ़ हैं. और उत्तर प्रदेश केवल प्रदेश नहीं बल्कि प्रतिभा, परंपरा और प्रगति की प्रयोगशाला है.यह बदलाव की कहानी का एक पड़ाव मात्र है.
अभी तो अनेक अवसर, अनगिनत योजनाएं और अगाध संकल्प शेष हैं, जिन्हें अनथक प्रयासों से सिद्धि तक पहुंचाना है. हमारा लक्ष्य ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ है. प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं बनाना है, बल्कि 25 करोड़ प्रदेश वासियों के सपनों को भी साकार करना है.