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What is Air Pollution: जहरीली होती हवा से गहराता सांसों का संकट

By ललित गर्ग | Updated: October 23, 2024 18:02 IST

What is air pollution? Air quality: दिल्ली के वायु प्रदूषण एवं हवा के जहरीले होने में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली का बड़ा योगदान बताया जाता है.

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ठळक मुद्देलोगों का दम घुटेगा, बच्चों एवं बुजुर्गों के सामने बड़ा संकट खड़ा होगा.वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए बना आयोग भी जिम्मेदारी के निर्वाह में नाकाम नजर आता है.कुछ सालों से लगातार इस महासंकट से जूझ रही दिल्ली को कोई समाधान की रोशनी क्यों नहीं मिलती.

What is air pollution? Air quality: दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में जहरीली हवा एवं वायु प्रदूषण से उत्पन्न दमघोंटू माहौल जीवन का संकट बनने लगा है और जहरीली होती हवा सांसों पर भारी पड़ने लगी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई बहुत खराब की श्रेणी में पहुंच चुका है. दिल्ली में औसत एक्यूआई 293 पर पहुंच गया है और अनेक क्षेत्रों में यह अभी से 300 पार जा चुका है. अतीत का अनुभव बताता है कि आने वाले दिनों में यह और बढ़ेगा. बढ़ते वायु प्रदूषण से जनता की सांसों पर गहराते संकट के समाधान के लिए सरकार के पास विभिन्न चरणों में लगाए जाने वाले प्रतिबंधों के अलावा कोई योजना नजर नहीं आती. दिल्ली सरकार जो भी तर्क दे, पर हकीकत यही है कि लोगों का दम घुटेगा, बच्चों एवं बुजुर्गों के सामने बड़ा संकट खड़ा होगा.

दिल्ली के वायु प्रदूषण एवं हवा के जहरीले होने में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली का बड़ा योगदान बताया जाता है. उससे निपटने के प्रयासों के दावे भी राज्य सरकारों द्वारा किए जाते हैं पर वांछित परिणाम नजर नहीं आते. वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए बना आयोग भी जिम्मेदारी के निर्वाह में नाकाम नजर आता है.

प्रश्न है कि पिछले कुछ सालों से लगातार इस महासंकट से जूझ रही दिल्ली को कोई समाधान की रोशनी क्यों नहीं मिलती. सरकारें एवं राजनेता एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की बजाय समाधान के लिए तत्पर क्यों नहीं होते? वैसे प्रदूषण कम करने और दिल्ली सहित देश के अन्य महानगरों-नगरों को रहने लायक बनाने की जिम्मेदारी केवल सरकारों की नहीं है, बल्कि हम सबकी है.

लोगों को सिर्फ एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभानी है. लोगों को खुद भी पूरी सतर्कता बरतनी होगी. खुली जगह में कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए और न ही उसे जलाया जाए. वाहनों का प्रदूषण लेवल चेक करना चाहिए. कोशिश करें कि हम निजी वाहनों का इस्तेमाल कम-से-कम करें और सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करें.

अभी से दिल्ली की आबोहवा बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक होने लगी है. सर्दियों के मौसम में हवा में घातक धातुएं होती हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत आती है. हवा में कैडमियम और आर्सेनिक की मात्रा में वृद्धि से कैंसर, गुर्दे की समस्या और उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है. इसमें पराली के प्रदूषण से घातकता कई गुना बढ़ जाती है. पटाखों का प्रदूषण उससे भी घातक है.

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