रविचंद्रन अश्विन ने जिस तरह जोस बटलर को रन आउट किया, उस पर बड़ा विवाद हो गया। जिस तरीके से अश्विन ने विकेट लिया उसे 'मांकड़िंग' कहा जाता है। वीनू मांकड़ के नाम पर इसे 'मांकड़िंग' कहा जाता है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1947 में सबसे पहले इसका इस्तेमाल किया था। उन्होंने दो मर्तबा विरोधी बल्लेबाजों को रन आउट किया था। गेंदबाज अगर गेंद डालने से पहले नॉनस्ट्राइकर छोर पर खड़े बल्लेबाज के क्रीज से बाहर होने पर गिल्लियां बिखेर देता है तो उसे रन आउट माना जाता है।
अश्विन ने इसी नियम के तहत बटलर को आउट किया। कुछ इसे खेलभावना विरोधी बताकर अश्विन की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि मांकड़ ने विकेट झटकने से पूर्व बल्लेबाज को सतर्क किया था, लेकिन अश्विन ने ऐसा नहीं किया। इसी के कारण विवाद गहराया। लेकिन, नियम में आउट करने से सतर्क करने का जिक्र नहीं है। इस मामले पर विवाद की मुख्य वजह का पता रिप्ले देखने के बाद चलता है। रिप्ले में बटलर बड़ी आसानी से क्रीज से बाहर आए।
हालांकि, इस बारे में भी नियम में कोई खुलासा नहीं किया गया है। लिहाजा अश्विन नियम को देखते हुए बिल्कुल भी गलत नहीं है। साथ ही क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था एमसीसी ने भी अश्विन को सही ठहराया है। संस्था के अनुसार यदि इस बारे में और कोई निर्णय लेने से पूर्व मामले को तीसरे अंपायर की ओर रेफर किया जाना चाहिए था। मूलत: इसमें गेंद और बल्ले में संपर्क न होने के कारण खेलभावना का मुद्दा भी नहीं उछाला जा सकता।
जहां तक आईपीएल के बारहवें संस्करण की बात है, बुमराह के फिट होने से मुंबई के खेमे में राहत महसूस की जा रही होगी। वह टीम का मुख्य गेंदबाज है। साथ ही लसिथ मलिंगा को भी हरी झंडी मिल गई है। कार्य प्रबंधन के बारे में यही कहा जा सकता है कि ज्यादा खेलने से फिटनेस भी अच्छा होता है। हालांकि यह खिलाड़ियों की क्षमता पर निर्भर करता है।