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Indian political class: निवेश के लिए विदेश यात्राओं का हो ऑडिट?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 31, 2025 05:58 IST

Indian political class: पिछले सप्ताह पांच केंद्रीय मंत्रियों और तीन मुख्यमंत्रियों को, 100 से अधिक बाबुओं के साथ विश्व आर्थिक मंच जैसे लाभकारी मंच पर वैश्विक दिग्गजों के साथ बातचीत करते हुए, आर्थिक लाभ के लिए पैरवी करते हुए देखा गया था.

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ठळक मुद्देयात्राओं की लागत लगभग 50 लाख रुपए प्रति व्यक्ति थी. दावोस उनका एकमात्र पड़ाव नहीं है.प्रतिस्पर्धी समकक्षों के साथ, निवेश को आकर्षित करने के लिए लगातार विश्व की तिजोरी का इस्तेमाल कर रहे हैं.मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, विदेशी पूंजी को लुभाने वाले सबसे सक्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक थे.

प्रभु चावला-

नेटवर्क अब भारतीय राजनीतिक वर्ग की कुल संपत्ति है. अधिकाधिक लाभ प्राप्त करना केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों का सबसे लोकप्रिय जुनून है. प्रत्येक वर्ष की शुरुआत नेताओं द्वारा स्विट्जरलैंड के अत्यधिक महंगे स्की शहर दावोस की ओर बढ़ने से होती है, जहां अरबपति पैसों के जरिये देशों की नीति तय करने के लिए इकट्ठा होते हैं. हमारे राजनेता राजनीतिक पहचान के आधार पर विभाजित हो सकते हैं, परंतु वे विकास के नाम पर अपने राज्यों के लिए विदेशी धन प्राप्त करने के नाम पर एकजुट रहते हैं. पिछले सप्ताह पांच केंद्रीय मंत्रियों और तीन मुख्यमंत्रियों को, 100 से अधिक बाबुओं के साथ विश्व आर्थिक मंच जैसे लाभकारी मंच पर वैश्विक दिग्गजों के साथ बातचीत करते हुए, आर्थिक लाभ के लिए पैरवी करते हुए देखा गया था.

इन यात्राओं की लागत लगभग 50 लाख रुपए प्रति व्यक्ति थी. दावोस उनका एकमात्र पड़ाव नहीं है. वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से वे, उनके मंत्री और भाजपा के मुख्यमंत्री, अन्य दलों के अपने अत्यधिक प्रतिस्पर्धी समकक्षों के साथ, निवेश को आकर्षित करने के लिए लगातार विश्व की तिजोरी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, विदेशी पूंजी को लुभाने वाले सबसे सक्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक थे. शायद ही कोई मुख्यमंत्री होगा, जिसने अपने राज्य को पैसा कमाने वाले बाजार के रूप में पेश करके मित्रवत सरकारों को लुभाया न हो. यहां कुछ हालिया भ्रमणों पर एक नजर डालते हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में चार बार दावोस जाने वाले देवेंद्र फडणवीस का ज्यूरिख हवाई अड्डे पर भारतीय राजदूत द्वारा स्वागत किया गया, उन्होंने अपने चौथे दिन का जश्न एक्स पर एक शानदार पोस्ट के साथ मनाया- ‘यह 22 जनवरी है, एक बहुत ही ऐतिहासिक दिन.

एक दिन में 6.25 लाख करोड़ रुपये का एमओयू (समझौता ज्ञापन), पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र की विकास क्षमता में अटूट विश्वास को दर्शाते हैं.’ पिछले वर्ष, उनके पूर्ववर्ती एकनाथ शिंदे ने स्की रिजॉर्ट की अपनी पहली यात्रा को लेकर दावा किया था कि 3,53,000 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए थे.

इससे पहले उद्धव ठाकरे ने स्वास्थ्य, तकनीक और वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए 2022 में डब्ल्यूईएफ में भाग लिया था. तेलंगाना के ए. रेवंत रेड्डी तो मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के चार महीने बाद से ही निवेश की तलाश में विश्व भ्रमण करने लगे हैं. यूरोप के उनके नवीनतम प्रवास में दावोस भी शामिल था.

उन्होंने 40,000 करोड़ रुपए के नए निवेश सौदों पर हस्ताक्षर किए. इससे पहले जनवरी में, रेड्डी की टीम ने 31,500 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त करते हुए अपना पहला आधिकारिक अमेरिकी दौरा पूरा किया था. इसके बाद रेड्डी द. कोरिया चले गए, जहां कंपनियों ने 4,500 करोड़ रु. के निवेश के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमतौर पर विदेशी दौरे से बचती हैं. हालांकि मार्च 2024 में उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा और विनिर्माण क्षेत्र में साझेदारी की तलाश में स्पेन का दौरा किया था. मई 2024 में वह भारतीय प्रवासियों और रियल एस्टेट और वित्त क्षेत्रों में संभावित निवेशकों के साथ बातचीत के लिए दुबई गई थीं.

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अपनी आधिकारिक उड़ान पर अप्रैल 2024 में जापान गए थे. उनकी यह यात्रा वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को बढ़ावा देने, ऑटोमोटिव क्षेत्र, नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट शहरों में जापानी निवेश को आकर्षित करने के लिए थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘गेट एफडीआई’ अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है.

उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान रक्षा, बुनियादी ढांचे और शिक्षा में संभावित निवेश का पता लगाने के लिए मार्च 2024 में ब्रिटेन का दौरा किया था. उन्होंने व्यवसायियों से मिलने और लॉजिस्टिक्स तथा पर्यटन के क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा करने के लिए मई 2024 में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी.

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी अपने कार्यकाल के एक वर्ष से भी कम समय में, अपने राज्य में सेमीकंडक्टर, हरित ऊर्जा और जहाज रीसाइक्लिंग से लेकर कंटेनर विनिर्माण तक के क्षेत्रों में निवेश हासिल करने के लिए नवंबर 2024 में सिंगापुर गए, उन्होंने बंदरगाह से जुड़े औद्योगिक विकास के लिए निधियों की भी मांग की.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव नवंबर 2024 में अपनी पहली विदेशी यात्रा के दौरान इंग्लैंड और जर्मनी गए थे. अपने सात दिवसीय व्यस्त दौरे के दौरान विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों से 78,000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्ताव मिलने का दावा किया. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अगस्त 2024 में अमेरिका में 17 दिन बिताए और संभावित निवेशकों और वहां रहने वाले तमिलनाडु के प्रमुख सदस्यों से मुलाकात की. वापसी पर घोषणा की कि विभिन्न अमेरिकी संस्थाओं के साथ 7,618 करोड़ रु. के 19 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने राजस्थान में निवेश के लिए 2024 में जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी और ब्रिटेन का दौरा किया था. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा इस महीने टोक्यो और सियोल में थे, जिसका लक्ष्य असम समिट के लिए निवेश को लुभाना है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, जो 1995 से लगातार दावोस जाते रहे हैं, शिखर सम्मेलन में उनकी हाईप्रोफाइल उपस्थिति इस वर्ष भी आकर्षण का केंद्र थी. उन्होंने कोका-कोला, एलजी, कार्ल्सबर्ग और सिस्को के सीईओ और चेयरपर्सन के साथ बैठकें कीं.

मुख्यमंत्रियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रयास ज्यादातर भाजपा शासित राज्यों से थे, जिनका मिशन मोदीप्लोमेसी और मोदीनॉमिक्स को बढ़ावा देना था. हालांकि सभी उद्देश्य तुरंत पूरे नहीं हुए हैं, पर इन उच्चस्तरीय, विशिष्ट यात्राओं से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय राज्यों की ब्रांडिंग करने और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी आर्थिक क्षमता को उजागर करने का महत्वपूर्ण उद्देश्य पूरा हो सकता है.

अनौपचारिक अनुमान के अनुसार, विभिन्न मुख्यमंत्रियों ने दावा किया है कि पिछले 10 वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. पर उस राशि का कितना हिस्सा राज्यों को मिला, यह अटकल का विषय है. ऐसे में केंद्र और राज्य दोनों को सार्वजनिक खर्च पर की गई सभी यात्राओं के परिणामों का पूरा हिसाब-किताब करना चाहिए.

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