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Bihar News: बिहार सरकार ने 2081 शिक्षकों के वेतन में की कटौती, 22 शिक्षक निलंबित, सरकारी स्कूलों में अनुपस्थिति के कारण 2190020 विद्यार्थियों के नाम काटे, जानें मामला

By एस पी सिन्हा | Updated: October 27, 2023 18:10 IST

Bihar News: बिहार में महागठबंधन सरकार के सहयोगी दलों और विपक्षी पार्टी भाजपा, दोनों ने उक्त आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

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ठळक मुद्देबिहार के शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से स्कूलों का सघन निरीक्षण अभियान शुरू किया है।विभाग ने पिछले चार महीने में 2,081 शिक्षकों के वेतन में कटौती की है।उल्लंघनों के मामले में 49 अन्य के खिलाफ निलंबन की सिफारिश की गई है।

Bihar News: बिहार में शिक्षा विभाग के हालिया परिपत्रों को लेकर चल रहे विवाद के बीच विभाग ने निरीक्षण के दौरान ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए 2,081 से अधिक स्कूल शिक्षकों के वेतन में कटौती कर दी है। राज्य सरकार ने पिछले चार महीनों के दौरान शिक्षण कार्य संबंधी उल्लंघन के लिए 22 अन्य शिक्षकों को निलंबित कर दिया है।

बिहार के शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में 17 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त करने की भी सिफारिश की है। बिहार के सरकारी स्कूलों में अनुपस्थिति के कारण 21,90,020 विद्यार्थियों के नाम (24 अक्टूबर तक) काटे जाने को लेकर नीतीश कुमार सरकार पहले से ही आलोचना का सामना कर रही है।

जिन विद्यार्थियों के नाम काटे गए हैं उनमें 2.66 लाख ऐसे विद्यार्थी भी शामिल हैं जिन्हें कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना था। केके पाठक के शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनने के बाद से बिना सूचना के तीन दिन से ज्यादा समय तक विद्यालय में अनुपस्थित रहने वाले करीब 20 लाख से अधिक छात्रों का नाम सरकारी स्कूलों से काट दिया गया है।

जिन बच्चों के स्कूलों से नाम काटा गया है, उनमें 2.66 लाख छात्र ऐसे हैं, जिन्हें 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना था। दरअसल, शिक्षा विभाग ने एक सितंबर, 2023 से उपस्थिति में सुधार के लिए अभियान शुरू करने के बाद अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक  सरकारी स्कूलों से 21,90,020 छात्रों के नाम काट दिए हैं।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा जारी निर्देश के बाद यह कदम उठाया गया है। बता दें कि केके पाठक ने दो सितंबर, 2023 को सभी जिलाधिकारियों को लिखे एक पत्र में लगातार तीन दिनों तक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को निष्कासित करने करने जैसे कठोर कदम उठाने का आदेश दिया था।

जबकि बाकी उपस्थित रहने वाले बच्चे पाठ्यपुस्तकों और पोशाक के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना का लाभ उठा सकते हैं। बिहार में 75,309 सरकारी स्कूल हैं। केके पाठक ने दो सितंबर को लिखे अपने पत्र में कहा कि राज्य में ऐसे स्कूल हैं जहां छात्रों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है। यह गंभीर चिंता का विषय है।

शिक्षा विभाग को शिकायत मिली है कि डीबीटी योजनाओं का लाभ लेने के लिए छात्रों ने सिर्फ सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है, जबकि वे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। वहीं कुछ छात्रों के राज्य के बाहर (राजस्थान के कोटा में) रहने की भी जानकारी मिली। केके पाठक ने अपने पत्र में लिखा था कि ऐसे छात्रों का पता लगाया जाना चाहिए।

इन छात्रों का नामांकन रद्द किया जाना चाहिए, जो केवल डीबीटी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सरकारी स्कूलों में नामांकित हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि विभाग छात्रों को सालाना 3000 करोड़ रुपए का डीबीटी लाभ प्रदान करता है। यदि ऐसे छात्रों में से 10 प्रतिशत का भी नामांकन रद्द कर दिया जाता है, जो केवल डीबीटी लाभ के उद्देश्य से यहां नामांकित हैं, तो सीधे 300 करोड़ रुपए की बचत होगी। जिसका उपयोग कुछ अन्य कार्यों के लिए किया जा सकता है।

टॅग्स :पटनानीतीश कुमारतेजस्वी यादव
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