केपटाउन जैसी स्थिति एशिया तथा अफ्रीका के कई देशों में निकट भविष्य में पैदा हो सकती है। हम अपने देश को ही लें। आजादी के 76 वर्ष बाद भी देश की आबादी का बड़ा हिस्सा स्वच्छ पेयजल आपूर्ति से वंचित है। 24 घंटे जलापूर्ति का स्वप्न तो शायद ही कभी साकार हो सक ...
साफ है कि ऋण लेते समय कुछ हेरफेर हुई। कुछ हद तक इसी में ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ की भी आशंका है। पिछले कुछ सालों से केंद्र सरकार नकदी की हेराफेरी में जोरदार कार्रवाई कर रही है, जिसमें उसे हाल ही में अस्तित्व में आए ‘मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ के प्रावधानों से ताकत ...
मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईटी) और यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान केंद्र के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु परिवर्तन का असर अब हमारे समुद्रों पर भी दिखने लगा है। ...
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस योजना की घोषणा की। योजना के तहत बुनकरों, स्वर्णकारों, लुहारों, कपड़े धोने वाले लांड्री कर्मियों तथा बाल काटने का पेशा करनेवाले समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन अपने हुनर में माहिर लोगों की जिंदगी की दिश ...
अंग्रेजों के दमन चक्र के बावजूद अगर स्वतंत्रता संग्राम की लौ धीमी नहीं पड़ी तो उसका सबसे बड़ा कारण अनुशासन था। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें किसी हथियार का उपयोग नहीं किया गया और देशवासियों ने एकजुटता एवं अनुशासन की अभूतपूर्व मिसाल विश्व के सामने पेश की। ...
हाल ही में जब पुणे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया, तब भी कुछ बातें हवा में उड़ने लगी थीं। हालांकि उस दौरान मंच पर एक तरफ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे उपस्थित थे। ...
देश आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस देश के निवासी विभाजन की विभीषिका को समझें ताकि विभाजनकालीन इतिहास और परिस्थिति के प्रति सतर्क एवं जागरूक रहें। ...
आज के डिजिटल युग में डाटा बहुत ही कीमती चीज बन गया है। आपने कई बार आपने गौर किया होगा कि गूगल, फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आप कुछ भी सर्च करते हैं तो उससे संबंधित विज्ञापन आपको दिखाई देने लगता है। इससे आप समझ सकते हैं कि कंपनियां आपके डा ...