पाकिस्तान के करेंसी पर छप सकती है जुल्फिकार अली भुट्टो की फोटो, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने पास किया प्रस्ताव

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 13, 2024 12:00 IST2024-05-13T11:55:41+5:302024-05-13T12:00:27+5:30

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें पार्टी के संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक नायक घोषित करने और देश की मुद्रा नोटों पर उनकी तस्वीर छापने की मांग की गई है।

Zulfikar Ali Bhutto's photo can be printed on Pakistan's currency, Pakistan People's Party passed the proposal | पाकिस्तान के करेंसी पर छप सकती है जुल्फिकार अली भुट्टो की फोटो, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने पास किया प्रस्ताव

फाइल फोटो

Highlightsपीपीपी के संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो को घोषित किया जा सकता है राष्ट्रीय लोकतांत्रिक नायकपार्टी ने देश की मुद्रा नोट पर जुल्फिकार अली भुट्टो की तस्वीर छापने की मांग की पीपीपी ने भुट्टो को "कायद-ए-अवाम" और 'निशान-ए-पाकिस्तान' देने की भी मांग की

लाहौर: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने बीते रविवार को एक प्रस्ताव रखा, जिसमें पार्टी के संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक नायक घोषित करने और देश की मुद्रा नोटों पर उनकी तस्वीर छापने की मांग की है।

एआरवाई न्यूज के अनुसार पीपीपी की ओर से यह प्रस्ताव 'भुट्टो संदर्भ और इतिहास' नामक एक सेमिनार के दौरान पारित किया गया, जिसमें जुल्फिकार अली भुट्टो के राजनीतिक योगदान पर चर्चा की गई।

इसके पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की इस स्वीकारोक्ति की सराहना करते हुए कि पीपीपी संस्थापक जुल्फिकार अली का मुकदमा, जिसके कारण उन्हें फांसी दी गई थी, वो अनुचित था।

पार्टी की ओर से पेश किये गये प्रस्ताव में संघीय सरकार से उन्हें "कायद-ए-अवाम" की उपाधि देने और उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'निशान-ए-पाकिस्तान' पुरस्कार देने की मांग की गई।

एआरवाई न्यूज ने बताया कि करेंसी नोटों पर भुट्टो की तस्वीर छापने के अलावा उनके सम्मान में एक स्मारक के निर्माण और उनके मकबरे को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का भी मांग की है।

इसके अलावा इसमें भुट्टो को दी गई अन्यायपूर्ण मौत की सजा को वापस लेने और लोकतंत्र के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले कार्यकर्ताओं के लिए "जुल्फिकार अली भुट्टो पुरस्कार" की स्थापना की मांग की गई है।

इससे पहले नेशनल असेंबली ने मार्च में एक प्रस्ताव पारित करके जुल्फिकार अली भुट्टो के मुकदमे को न्यायिक हत्या करार दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पीपीपी संस्थापक को दी गई 'विवादास्पद' मौत की सजा के खिलाफ राष्ट्रपति के संदर्भ पर अपनी आरक्षित राय की घोषणा करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को "निष्पक्ष सुनवाई" का मौका नहीं मिला।

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फ़ैज़ ईसा की अध्यक्षता में नौ न्यायाधीशों की पीठ ने लंबे समय से लंबित राष्ट्रपति संदर्भ पर अपनी राय की घोषणा की, ताकि यह जवाब दिया जा सके कि क्या वह अपने फैसले पर फिर से विचार कर सकती है, जिसे पीपीपी और न्यायविद एक ऐतिहासिक गलती मानते हैं।

जुल्फिकार अली भुट्टो को पूर्व सैन्य शासक जनरल (सेवानिवृत्त) जियाउल हक के शासनकाल के दौरान मौत की सजा दी गई थी। देश के पहले निर्वाचित प्रधान मंत्री पर एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नवाब मोहम्मद अहमद कासुरी की हत्या का आरोप लगाया गया और मुकदमा चला।

कई राष्ट्राध्यक्षों की याचिकाओं और क्षमादान की अपीलों के बीच जुल्फीकार अली भुट्टो को 4 अप्रैल, 1979 को फांसी दे दी गई थी।

Web Title: Zulfikar Ali Bhutto's photo can be printed on Pakistan's currency, Pakistan People's Party passed the proposal

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