विश्व स्वास्थ्य संगठन पर फिर भड़के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, WHO को बताया चीन की पब्लिक रिलेशन एजेंसी
By गुणातीत ओझा | Published: May 1, 2020 07:29 AM2020-05-01T07:29:22+5:302020-05-01T07:29:22+5:30
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन को घेरा है। व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) "चीन के हाथों की कठपुतली" है।
वाशिंगटन।कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन को घेरा है। व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) "चीन के हाथों की कठपुतली" है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पहले डब्ल्यूएचओ के बारे में जल्द ही कुछ सिफारिशें लेकर आएगा और उसके बाद चीन के बारे में भी ऐसा ही कदम उठाया जाएगा। ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी पर डब्ल्यूएचओ पर कहा, " उन्होंने हमें गुमराह किया, हम विश्व स्वास्थ्य संगठन से खुश नहीं हैं।" ट्रंप ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को शर्म करनी चाहिए, वे चीन की पब्लिक रिलेशन एजेंसी बनकर रह गए हैं।
ट्रंप ने कोरोना वायरस फैलने में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच शुरू की है और संगठन पर महामारी के दौरान चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। जांच लंबित रहने तक राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ को अमेरिका से दी जाने वाली सहायता भी रोक दी है। यह जांच चीन की भूमिका देखेगी और साथ में यह भी पता लगाएगी कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में कैसे फैला। ट्रंप से पूछा गया "आपने खुफिया एजेंसियों से जो जांच शुरू कराई है, उससे आप चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बारे में क्या जानने की उम्मीद कर रहे हैं? "ट्रंप ने कहा, "हम इससे खुश नहीं है और हम डब्ल्यूएचओ में सबसे ज्यादा योगदान करते हैं.. और उन्होंने हमें गुमराह किया। मुझे नहीं पता। वे जो जानते थे, उन्हें उससे ज्यादा पता होना चाहिए था।"
Yes, I have. I think World Health Organisation should be ashamed of themselves because they are like the public relations agency for China: US President Trump on being asked if he has seen anything that suggests the Wuhan Institute of Virology in China was the origin of #COVID19pic.twitter.com/8ZYJUVid84
— ANI (@ANI) April 30, 2020
राष्ट्रपति ने कहा, " हमें वे चीजें पता हैं जो उन्हें नहीं पता थी और या वे इसे नहीं जानते थे, या उन्होंने हमें बताया नहीं, या अब आप जानते हैं कि डब्ल्यूएचओ चीन के हाथों की कठपुतली है। इसको देखने का मेरा नजरिया यह है। " ट्रंप ने कहा कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ को औसतन 40-50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता देता है और चीन 3.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर देता है। फिर भी डब्ल्यूएचओ चीन के लिए काम करता प्रतीत होता है। उन्हें मालूम होना चाहिए था कि चल क्या रहा है और उन्हें इसे रोकने में सक्षम होना चाहिए था। एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत सारे विभिन्न लोग और समूह हैं जिन्हें अमेरिका यह धन दे सकता है और वे काफी उपयोगी होंगे। ट्रंप ने कहा, " आप इस बीमारी को फैलने से रोकने या रोकने की बात करते हैं, जिसे वहीं (चीन में) रुक जाना चाहिए था। चीन ने देश से बाहर विमानों को जाने की इजाजत दी लेकिन चीन में ही विमानों को नहीं जाने की इजाजत थी।" राष्ट्रपति ने कहा, " उन्हें विमानों को बाहर जाने की इजाजत दी और विमान वुहान से बाहर आ रहे हैं। वे दुनिया भर में जा रहे हैं। वे इटली जा रहे हैं, लेकिन वे चीन में ही नहीं जा रहे हैं। " ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन बहुत स्पष्ट सिफारिश लेकर आएगा। इस विषय में चीन में जो हुआ, उसमें कुछ भी सकारात्मक नहीं था और चीन वहीं पर इस वायरस को रोक सकता था। भाषा नोमान नरेश नरेश