Gen-Z Revolution: नेपाल में हालात खराब, 15 की मौत और 100 घायल, संसद परिसर में घुसे आंदोलनकारी, सोशल मीडिया बैन को लेकर हंगामा, देखिए वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 8, 2025 18:34 IST2025-09-08T17:52:30+5:302025-09-08T18:34:37+5:30
watch nepal Gen-Z Revolution LIVE: नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों समेत 100 लोग घायल हुए हैं और काठमांडू के सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

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काठमांडूः नेपाल सरकार द्वारा सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में सोमवार को युवाओं के नेतृत्व में यहां हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और 100 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हालात को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को सेना को तैनात करना पड़ा। काठमांडू में संसद भवन के सामने ‘जेन ज़ी’ के बैनर तले स्कूली छात्रों समेत हज़ारों युवाओं की दंगा-रोधी पुलिस के साथ झड़प हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ आंदोलनकारी संसद परिसर में घुस गए, इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलानी पड़ी, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का सहारा लेना पड़ा। नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों समेत 100 लोग घायल हुए हैं और उनका काठमांडू के सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
STORY | 14 killed as youths clash with police over social media ban in Nepal; Army deployed to control situation
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2025
At least 14 people were killed and dozens injured on Monday as violent protests by youths rocked the Nepalese capital and certain other areas over the government's… pic.twitter.com/iPZTpkNp9y
#WATCH | Nepal | Protest turned violent in Kathmandu as people staged a massive protest outside Kathmandu Parliament against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters. pic.twitter.com/61D5wK3ZTB
— ANI (@ANI) September 8, 2025
Kathmandu, Nepal: A protester says, "A while ago, the police fired bullets which did not hit me but hit a friend of mine standing behind me. He was shot in the hand. The firing is still going on and we can hear gunfire from inside the parliament as well. My friend, who was… https://t.co/2gM8GGjJdxpic.twitter.com/qV6gI9x5SF— ANI (@ANI) September 8, 2025
हालांकि, मौतों की आधिकारिक संख्या के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवाओं का प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा।
#WATCH | Nepal | Protestors vandalise the Parliament gate as the protest turned violent in Kathmandu, as people staged a massive protest against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters pic.twitter.com/dkh9Mg7BGc
— ANI (@ANI) September 8, 2025
अस्पताल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए 'हिमालयन टाइम्स' अखबार ने बताया कि काठमांडू में हुए प्रदर्शन में 14 लोगों की मौत हो गई। 'हिमालयन टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों में छह लोग ट्रॉमा सेंटर, तीन सिविल अस्पताल, तीन एवरेस्ट अस्पताल, एक काठमांडू मेडिकल कॉलेज (केएमसी) और एक त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग अस्पताल में है।
Kathmandu, Nepal: A protester says, "We were planning to hold a peaceful protest, but as we advanced further, we could see the violence by the police. The police are firing on the people, which is against the essence of peaceful protest. Those who are sitting in power cannot… https://t.co/L9h2XfWHMbpic.twitter.com/RCIXYSr8fE
— ANI (@ANI) September 8, 2025
न्यूज पोर्टल खबरहब ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि ‘जेन ज़ी’ आंदोलन में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि दो सुरक्षाकर्मियों समेत 42 लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज वर्तमान में काठमांडू के सिविल अस्पताल में चल रहा है। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।
हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने राजधानी के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया। यह विरोध प्रदर्शन दूसरे शहरों में भी फैल गया है। काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन के आसपास के क्षेत्रों में अशांति को रोकने के लिए अपराह्न 12:30 बजे से रात 10:00 बजे तक निषेधाज्ञा लागू की।
मुख्य जिला अधिकारी छबि लाल रिजाल ने एक नोटिस में कहा, ‘‘प्रतिबंधित क्षेत्र में लोगों के आवागमन, प्रदर्शन, बैठक, सभा या धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी।’’ स्थानीय प्रशासन ने बाद में ये प्रतिबंधात्मक आदेश राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में भी लागू कर दिए।
नेपाल सरकार ने अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर चार सितंबर को फेसबुक, व्हाट्सऐप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध उन्हें विनियमित करने के लिए लगाया गया है,
लेकिन आम जनता में धारणा यह है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला होगा और सेंसरशिप की नौबत आ सकती है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में अपंजीकृत सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने के अपने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि “राष्ट्र को कमजोर किए जाने के प्रयास कभी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।”