Nepal Gen-Z Protest: भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह, विदेश मंत्रालय ने जारी किया गाइडलाइन, अभी तक 20 की मौत और 300 घायल, 3 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 9, 2025 11:45 IST2025-09-09T11:45:03+5:302025-09-09T11:45:46+5:30
Nepal Gen-Z Protest LIVE: देश में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर लगा प्रतिबंध कल रात हटा लिया गया।

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काठमांडूः भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल के घटनाक्रम पर कहा कि हम नेपाल में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। बहुत से नौजवानों की जान जाने से हमें गहरा दुख हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि सभी पक्ष संयम बरतेंगे और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालेंगे। नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। अभी तक 20 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 300 लोग घायल हैं। इस बीच गृह, कृषि और हेल्थ मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री केपी ओली के सामने विकट समस्या आ गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी।
VIDEO | Nepal: Tense situation prevails in Kathmandu. Protesters trying to enter the Nepali Congress Party office in Balkhu area of the city. Protesters set a traffic post outside the party office on fire.#NepalProtests#NepalNews#KathmanduProtests
— Press Trust of India (@PTI_News) September 9, 2025
(Full video available on… pic.twitter.com/AXP5h00xRr
#WATCH | Nepal: Violence erupts during protests in Kathmandu, as protesters demonstrate against alleged corruption.
The ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites in the country was lifted last night. pic.twitter.com/GBbsB5iini— ANI (@ANI) September 9, 2025
#WATCH | Nepal: Violence erupts during protests in Kathmandu, as protesters demonstrate against alleged corruption.
The ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites in the country was lifted last night. pic.twitter.com/MlF0lq6NgN— ANI (@ANI) September 9, 2025
सोशल मीडिया प्रतिबंध के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों के बाद काठमांडू में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू
नेपाल की राजधानी काठमांडू में अधिकारियों ने पहले के जारी आदेश को हटाए जाने के कुछ ही घंटों बाद, मंगलवार को फिर से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने सुबह साढ़े आठ बजे से अगली सूचना तक पूरे शहर में कर्फ्यू लागू करने का आदेश जारी किया। सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर सोमवार को सुरक्षा बलों और युवाओं के समूहों के बीच झड़पें हुई थीं जिनमें 19 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए यह कदम उठाया गया। पूर्व में जारी कर्फ्यू मंगलवार सुबह पांच बजे समाप्त हो गया।
काठमांडू के मुख्य जिलाधिकारी छविलाल रिजाल द्वारा जारी नोटिस में कहा गया, ‘कर्फ्यू के दौरान लोगों की आवाजाही, सभा, विरोध-प्रदर्शन, बैठक और धरने की अनुमति नहीं होगी।’’ नोटिस में कहा गया, ‘‘हालांकि, एंबुलेंस, दमकल की गाड़ियों, स्वास्थ्यकर्मियों को ले जाने वाले वाहनों, पर्यटकों, मीडियाकर्मियों और हवाई यात्रियों को सुरक्षा कर्मियों के साथ समन्वय स्थापित कर आने-जाने की अनुमति दी जाएगी।’
भक्तपुर जिले के प्रशासन ने भी पेप्सीकोला, राधेराधे चौक, सल्लाघरी, दुवाकोट और चांगुनारायण मंदिर सहित कई इलाकों में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया। प्रशासन ने काठमांडू से सटे ललितपुर के कुछ हिस्सों में भी प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। कर्फ्यू के आदेशों के बावजूद, मंगलवार सुबह कई इलाकों में छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए।
काठमांडू के कलंकी और बानेश्वर, तथा ललितपुर जिले के चापागाऊं–थेचो इलाकों से भी प्रदर्शनों की खबरें मिली हैं। प्रदर्शनकारियों में अधिकांश छात्र शामिल थे, जिन्होंने सभा पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए ‘‘छात्रों को मत मारो’’ जैसे नारे लगाए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कलंकी में प्रदर्शनकारियों ने सुबह टायर जलाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया।
कर्फ्यू लागू होने से लोग घबरा गए और जरूरी सामान खरीदने के लिए किराने की दुकानों और दवा की दुकानों की ओर दौड़ पड़े। सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह ठप हो गया है और शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। सरकार ने लोगों के गुस्से को कम करने के लिए सोमवार देर रात सोशल मीडिया मंचों से प्रतिबंध हटा लिया।