Video: पाकिस्तान में सैकड़ों लोगों ने मिलकर ध्वस्त किया हिंदू मंदिर, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो
By अनुराग आनंद | Updated: December 31, 2020 14:25 IST2020-12-31T14:17:37+5:302020-12-31T14:25:35+5:30
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुलिस ने लोगों को नहीं रोका क्योंकि लोगों की भीड़ अल्लाह-हू-अकबर का नारे लगाते हुए इस काम को अंजाम देने में लगे हुए थे।

पाकिस्तान में मंदिर को ध्वस्त करते कट्टरपंथी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने एक हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर दिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ मंदिर की दिवार व छत को तोड़ती दिख रही है और भीड़ मंदिर के कुछ हिस्से में आग भी लगा रही है।
इस वीडियो को साझा करते हुए एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने सोशल मीडियो पर कहा है कि यह एक तरह का नया पाकिस्तान है, जो हम सबों के सामने है। इसके साथ ही मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुलिस ने लोगों को नहीं रोका क्योंकि लोगों की भीड़ अल्लाह-हू-अकबर का नारे लगाते हुए इस काम को अंजाम देने में लगे हुए थे।
द हिन्दू के मुताबिक, इस घटना के बाद पाकिस्तान सरकार मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी ने बुधवार को ट्विटर पर मंदिर को जलाए जाने की निंदा की और इशके साथ ही संबंधित अधिकारियों से इसमें शामिल लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
More shameful that Pakistani interior minister Sheikh Rasheed didn’t utter a word to condemn the incident despite having a press conference to announce cancellation of former Prime Minister Nawaz Sharif. The Wali of Riyasat-e-Medina Imran Khan also
— Shama Junejo (@ShamaJunejo) December 30, 2020
didn’t bother to tweet#Karakhttps://t.co/KwRY0DE7k9
इस मामले में जिला पुलिस प्रमुख इरफान उल्लाह ने कहा कि पुलिस ने मंदिर पर हमले में शामिल होने के आरोप में कई लोगों को हिरासत में लिया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कट्टरवादी संस्था जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में भीड़ ने मंदिर पर हमला किया।
वहां रहने वाले लोगों का कहना है कि स्थानीय हिंदुओं ने इस मंदिर का नए सिरे से बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों से अनुमति ली थी, जिसके बाद ही कट्टरपंथियों ने इस घटना को अंजाम दिया।
बता दें कि पाकिस्तान में यह घटना सरकार द्वारा मौलवियों की परिषद की सिफारिश पर अल्पसंख्यक हिंदुओं को इस्लामाबाद में एक नया मंदिर बनाने की अनुमति दिए जाने के ठीक कुछ हफ्तों के बाद ही घटी है।