अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने ट्वीट कर कहा कि लंबे अरसे के बाद तालिबान के साथ बात बनी है और इससे अफगानिस्तान में हो रही हिंसा रुकेगी। अमेरिकातालिबान के साथ 29 फरवरी को समझौते पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहा है।
अफगानिस्तान में हिंसा कम करने के उद्देश्य से अमेरिका तालिबान के साथ 29 फरवरी को एक करार करने की तैयारी कर रहा है। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सऊदी अरब के दौरे के बाद जारी एक बयान में उन्होंने कहा, “इस सहमति के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन से, अमेरिका-तालिबान के बीच करार पर दस्तखत की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है।”
अमेरिका और तालिबान के बीच कतर में इस मुहर लग सकती है। दोनों पक्ष इस पर सहमत होने के बेहद करीब हैं। तालिबान के एक सूत्र ने यह जानकारी दी। दोनों के बीच 2001 से ही संघर्ष चल रहा है। एक अफगान अधिकारी ने बताया कि समझौता 29 फरवरी को दोहा में हो सकता है, जो कि अमेरिका और जिहादियों के बीच लंबी वार्ता के बाद हिंसा में कमी लाने की अवधि की सफलता पर निर्भर करता है।
अमेरिका अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की उपस्थिति को कम करना चाहता है। पाकिस्तान में तालिबान के एक सूत्र ने बताया, ‘‘सारी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। नेतृत्व परिषद ने करार पर तालिबान वार्ता टीम को आगे बढ़ने का संकेत दिया है।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अगले सप्ताह भारत यात्रा पर आने से पहले दोहराया कि उन्हें अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए तालिबान से शांति समझौता होने की उम्मीद नजर आती है। अमेरिका लंबे समय से तालिबान से बात कर रहा है और ट्रंप ने भी पहले कहा था कि युद्धग्रस्त देश में हिंसा कम करने के लिए दोनों पक्षों में बातचीत में प्रगति हुई है।
ट्रम्प ने ज्वॉइंट बेस एंड्रयूस में मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम तालिबान से बातचीत कर रहे हैं। हम काफी समय से उनसे बातचीत कर रहे हैं। हम देखते हैं कि क्या होता है। समझौता होने की उम्मीद है। इसका मौका है।’’
‘मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट’ में पाकिस्तान और अफगानिस्तान मामलों के अध्ययन के निदेशक मार्विन जी. वेनबॉम ने भी कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका इस महीने के अंत तक तालिबान के साथ समझौता कर लेगा। उनके अनुसार अमेरिका शुरुआत में अपने सैनिकों की संख्या घटा कर 5000 करने पर राजी हो सकता है और इसके कुछ समय बाद वह अपने सारे सैनिक वापस बुला सकता है।
भाषा कृष्ण पाण्डेय अर्पणा