US Election Results 2024: भारत के लिए कैसा रहेगा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल?
By शोभना जैन | Updated: November 8, 2024 06:56 IST2024-11-08T06:56:56+5:302024-11-08T06:56:56+5:30
US Election Results 2024: प्रौद्योगिकी, रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिकी संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए काम करने की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं.’’

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US Election Results 2024: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की स्पष्ट जीत दर्ज होते ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रम्प को फोन किया और सोशल मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए पीएम ने लिखा ‘‘अपने दोस्त राष्ट्रपति ट्रम्प से बहुत अच्छी बात हुई और मैंने उनकी शानदार विजय पर उन्हें बधाई दी, मैं एक बार फिर उनके साथ निकट रूप से जुड़ कर प्रौद्योगिकी, रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिकी संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए काम करने की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं.’’
दो शीर्ष नेताओं के बीच इस दोस्ताने से हट कर अगर द्विपक्षीय संबंधों की बात करें तो भारत के लिए ट्रम्प की इस बार की विजय के खास मायने हैं. दोनों देशों के संबंध अच्छे चल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार भारत को उम्मीद है कि भले ही कुछ मुद्दों पर अनिश्चितता व जटिलता हो, लेकिन कुल मिलाकर संबंधों में निरंतरता बनी रहेगी. उनके पिछले कार्यकाल में दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध रहे.
कुछ विशेषज्ञों का अंदेशा यह है कि इस दूसरे कार्यकाल में व्यापारिक नीतियां अमेरिका के पक्ष में ज्यादा हो सकती हैं, जिससे भारत की सूचना प्राद्यौगिकी, कपड़ा उद्योग आदि प्रभावित हो सकते हैं. भारत को इस तरह के दबाव से निकल कर मजबूती से अपना पक्ष रखना होगा, जो वह निश्चित ही करेगा. व्यापार, रक्षा उत्पादन, ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में ट्रम्प सरकार का क्या रुख रहेगा, इस पर नजरें रहेंगी.
एक और अहम पहलू यह है कि ट्रम्प के आने से भारत के मामले में इमिग्रेशन और व्यापार पर असहजता बढ़ सकती है. ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ ट्रम्प का सबसे बड़ा नारा है और उनकी नीतियां इसी से प्रेरित हैं. और अगर किसी देश पर टैरिफ लगाने पड़े या और कोई कदम उठाने पड़े तो वह सोचेंगे नहीं. पिछले महीने ही ट्रम्प ने टैरिफ की बात पर चीन, भारत और ब्राजील पर निशाना साधा था.
ट्रम्प भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा सकते हैं. वह इस बात का हवाला देते रहे हैं लेकिन इस सबके बीच ट्रम्प प्रशासन के दिमाग में भी यह बात जमी हुई है कि दक्षिण एशिया में भारत एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, जो दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. संबंधों की यह धुरी अमेरिका का कोई भी प्रशासन बखूबी समझता है.
भारत और अमेरिका के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों से स्थिरता आई है. राष्ट्रपति बदलने से बहुत फर्क नहीं पड़ता है. पिछला अनुभव तो यही बताता है कि अमेरिका की विदेश नीति में बाइडेन के दौर से अलग बहुत बदलाव नहीं दिख रहा है. लेकिन ट्रम्प के पहले कार्यकाल से दूसरे कार्यकाल में भारत के साथ संबंधों का आकलन करने में थोड़ा इंतजार करना चाहिए.