अमेरिकी रक्षा मंत्री का बड़ा बयान, भारत और चीन के बीच स्थिति की अमेरिका बहुत करीब से निगरानी कर रहा है

By भाषा | Published: July 22, 2020 05:53 AM2020-07-22T05:53:55+5:302020-07-22T05:53:55+5:30

चीन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य और आर्थिक प्रभाव का भी तेजी से विस्तार किया है जिससे इस क्षेत्र में और इससे दूर स्थित अमेरिका समेत विभिन्न देशों को चिंता पैदा हो गई है।

US defense minister's big statement, America is monitoring the situation between India and China very closely. | अमेरिकी रक्षा मंत्री का बड़ा बयान, भारत और चीन के बीच स्थिति की अमेरिका बहुत करीब से निगरानी कर रहा है

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsयूएसएस निमित्ज हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास कर रहा है।यूएसएस निमित्ज विश्व का सबसे बड़ा युद्ध पोत है।नयी दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के चार युद्ध पोत ने हिस्सा लिया।

वाशिंगटन: अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच स्थिति की अमेरिका ‘‘बहुत करीब से निगरानी’’ कर रहा है। एस्पर ने चीनी सैन्य गतिविधियों को क्षेत्र को अस्थिर करने वाला बताया। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख और दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य आक्रमकता फिर से बढ़ने के बीच एक सुरक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह कहा।

एस्पर ने दोनों देशों के बीच तनाव पर पूछे गये गये एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम भारत और चीन के बीच स्थिति की, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जो कुछ हो रहा है उसकी बहुत करीब से निगरानी कर रहे हैं और हमें यह देख कर अच्छा लगा कि दोनों पक्ष तनाव घटाने की कोशिश कर रहे हैं। ’’ उन्होंने क्षेत्र में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियों को ‘अस्थिर करने वाला’ करार देते हुए कहा कि वह पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में अपना आक्रामक व्यवहार जारी रखे हुए है।

एस्पर ने यह भी कहा कि भारत के साथ अमेरिका संबंध 21 वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण रक्षा संबंधों में एक है। चीन के साथ भारत के सीमा विवाद के बीच परमाणु ऊर्जा से संचालित विमान वाहक पोत यूएसएस निमित्ज के नेतृत्व में अमेरिकी नौसेना के एक हमलावर बेड़े ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के तट पर भारतीय युद्ध पोतों के साथ सोमवार को एक सैन्य अभ्यास किया।

नयी दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के चार युद्ध पोत ने हिस्सा लिया। यूएसएस निमित्ज विश्व का सबसे बड़ा युद्ध पोत है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद दोनों देशों (भारत और अमेरिका) की नौसेनाओं के बीच यह अभ्यास मायने रखता है।

एस्पर ने कहा कि हिंद महासागर में संयुक्त अभ्यास भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच बढ़ते सहयोग को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत के साथ बढ़ते रक्षा सहयोग का जिक्र करना चाहता हूं। यह 21 वहीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण रक्षा संबंधों में एक है।

हमने पिछले साल नवंबर में पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था। जैसा कि मैंने आज कहा, यूएसएस निमित्ज हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास कर रहा है, यह हमारे मजबूत नौसेना सहयोग के प्रति साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है और स्वतंत्र एवं खुला हिंद- प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विमान वाहक पोत दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में द्वितीय विश्व युद्ध के समय हैं। हम अपने मित्रों एवं साझेदारों की संप्रभुता का समर्थन करेंगे। ’’ एस्पर ने कहा कि चीन का अवैध रूप से भूमि पर कब्जा जताना तथा विवादित दक्षिण चीन सागर में एवं उसके आसपास सैन्य अभ्यास करना दक्षिण चीन सागर में 2002 की घोषणा में की गई उसकी प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा, ‘‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी नियमों को तोड़ने में लगी हुई है। ’’

उन्होंने कहा कि चीन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य और आर्थिक प्रभाव का भी तेजी से विस्तार किया है जिससे क्षेत्र में और इससे दूर भी विभिन्न देशों में चिंता पैदा हो गई है। एस्पर ने चीनी नेताओं से अंतरराष्ट्रीय नियम-कानूनों का पालन करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि सीसीपी अपने तौर -तरीके बदलेगा, साथ ही हमें विकल्प के लिये भी तैयार रहना चाहिए। ’’ 

Web Title: US defense minister's big statement, America is monitoring the situation between India and China very closely.

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे