(ललित के झा)
वाशिंगटन, दो जनवरी अमेरिकी कांग्रेस ने एक रक्षा नीति विधेयक पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वीटो को खारिज करते हुए कार्यकाल के अंतिम दिनों में उन्हें बड़ा झटका दिया है।
नव वर्ष के दिन आयोजित विशेष सत्र में रिपब्लिकन पार्टी की बहुमत वाले सीनेट ने उनके वीटो को आसानी से खारिज कर दिया और 740 अरब डॉलर के विधेयक को लेकर ट्रंप की आपत्ति को दरकिनार करते हुए उन्हें ऐसे समय में झटका दिया है, जब उनका कार्यकाल महज कुछ ही सप्ताह में समाप्त होने जा रहा है।
सीनेट ने 81-13 के वोट से ‘नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट’ (एनडीएए) पर ट्रंप के वीटो को खारिज कर दिया।
इस सप्ताह की शुरुआत में प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) में ट्रंप के वीटो को दरकिनार करने के लिए 322-87 मत पड़े थे। राष्ट्रपति ने एनडीएए 2021 पर वीटो का इस्तेमाल किया था, क्योंकि उनका कहना था कि इस विधेयक के कुछ प्रावधानों से राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ता है। वहीं, वह कुछ सैन्य प्रतिष्ठानों का नाम गृह युद्ध के कुछ जनरलों के नाम पर रखने के प्रावधान से भी असहमत थे।
राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में पहली बार ऐसा हुआ, जब उनका वीटो दरकिनार कर दिया गया। ऐसा होने के कुछ घंटे बाद ट्रंप ने ट्विटर पर कहा, ‘‘हमारे रिपब्लिकन सीनेट ने धारा 230 से छुटकारा पाने का अवसर गंवा दिया, जिससे बड़ी टेक कंपनियों को असीमित शक्तियां मिलती हैं। बेहद खराब!’’
कांग्रेस द्वारा पारित विधेयक को कानून का रूप लेने के लिये राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरूरत होगी।
सीनेटर जिम इनहोफे ने कहा कि सीनेट ने एनडीएए वित्त वर्ष 2021 को कानून बनाने के पक्ष में मतदान करके सैनिकों के समर्थन में मजबूत संदेश दिया है। इनहोफे सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के अध्यक्ष हैं। वहीं, राष्ट्रपति के वीटो को खारिज करने के लिए वोट डालकर सीनेटर मार्क वार्नर ने कहा कि सालाना रक्षा विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम है।
सीनेट में बहुमत के नेता (रिपब्लिकिन) मिच मैक्कोनल ने मतदान से पहले कहा कि कांग्रेस पिछले 59 वर्षों से प्रत्येक साल ‘नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट’ (एनडीएए) पारित करती आई है और ‘किसी भी तरीके से हम 60वां वार्षिक एनडीएए पूरा करेंगे और रविवार को सत्र के समापन से पहले विधेयक पारित करेंगे।’’
ट्रंप ने पिछले सप्ताह रक्षा कदमों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह सोशल मीडिया कंपनियों को सीमित करने में विफल है। ये वही सोशल मीडिया कंपनियां हैं, जिसके बारे में ट्रंप का मानना है कि हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ये पक्षपाती रही थीं।
सोशल मीडिया और सैन्य अड्डों के नामों को लेकर चिंताओं के अलावा ट्रंप ने यह भी कहा कि यह रक्षा विधेयक विदेश नीतियों के संचालन के उनके तरीकों में, ‘खासतौर पर सैनिकों की घर वापसी के प्रयासों में’ बाधा डालता है।
ट्रंप विधेयक के उस प्रावधान का हवाला दे रहे थे, जिसमें अफगानिस्तान और जर्मनी से हजारों सैनिकों की वापसी की उनकी योजना पर शर्तें रखी गई हैं। ट्रंप ने आठ अन्य विधेयकों पर भी वीटो का इस्तेमाल किया था, जिससे वे विधेयक कानून नहीं बन पाए। ट्रंप के हस्ताक्षर के बिना विधेयक के कानून बनने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के प्रत्येक सदन में दो-तिहाई मतों की जरूरत पड़ती है।
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