तालिबान के डर से जगह-जगह छिपने को मजबूर अमेरिकी नागरिक और ग्रीन कार्ड धारक लोग

By भाषा | Published: September 19, 2021 08:55 AM2021-09-19T08:55:45+5:302021-09-19T08:55:45+5:30

US citizens and green card holders forced to hide from place to place for fear of Taliban | तालिबान के डर से जगह-जगह छिपने को मजबूर अमेरिकी नागरिक और ग्रीन कार्ड धारक लोग

तालिबान के डर से जगह-जगह छिपने को मजबूर अमेरिकी नागरिक और ग्रीन कार्ड धारक लोग

काबुल/वाशिंगटन, 19 सितंबर (एपी) अमेरिकी ग्रीन कार्ड धारक कैलिफोर्निया का यह जोड़ा अपने तीन छोटे बच्चों के साथ अफगानिस्तान की राजधानी में हर रात अलग-अलग घर में गुजारता है और दोनों वयस्क बारी-बारी से सोते हैं ताकि जब एक सो रहा हो तो दूसरा बच्चों पर नजर रखे और यदि तालिबान के लोगों के आने की आहट हो तो वहां से भाग सकें।

दो हफ्ते में वह सात बार स्थान बदल चुके हैं और रहने तथा भोजन के लिए अपने संबंधियों पर निर्भर हैं। उन्हें बेसब्री से इंतजार है एक कॉल का जिसमें कोई उन्हें अफगानिस्तान से निकालने के लिए मदद करने की बात कहे। अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने उन्हें कई दिन पहले फोन किया था और कहा था कि उनकी जिम्मेदारी एक व्यक्ति को दी गई है लेकिन उसके बाद से किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया। अब यहां से निकलने के लिए वह एक अंतरराष्ट्रीय बचाव संगठन के संपर्क में हैं।

एसोसिएटेड प्रेस को भेजे संदेश में बच्चों की मां ने कहा, ‘‘हम डरे हुए हैं और छिप कर रह रहे हैं।’’

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अमेरिका के अनेक नागरिक, अमेरिका के स्थायी निवासी, ग्रीन कार्ड धारक, वीजा आवेदक समेत ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने 20 साल चले युद्ध में अमेरिकी सैनिकों की मदद की थी और वे अफगानिस्तान से नहीं निकल पाए हैं।

ऐसे सभी लोगों से बात करने पर पता चला कि वे सत्तारूढ़ तालिबान से बेहद डरे हुए हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि तालिबान के लोग उन्हें खोज लेंगे, जेल में डाल देंगे या फिर मार ही डालेंगे क्योंकि वे अमेरिकी हैं और उन्होंने अमेरिकी सरकार के लिए काम किया है। इन लोगों को चिंता है कि बाइडन प्रशासन ने उन्हें निकालने के लिए प्रयास करने का जो वादा किया था अब वह भी रूक गए हैं।

काबुल के एक अपार्टमेंट में रह रहे ग्रीनकार्ड धारक एक व्यक्ति के घर में जब फोन की घंटी बजी तो उसे लगा कि यह अमेरिकी विदेश विभाग से होगा जो उन्हें वहां से ले जाने की बात करेंगे। लेकिन यह फोन तालिबान का था जिसमें कहा गया, ‘‘हम आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। आईये हमसे मिलिए। कुछ नहीं होगा। इसमें यह भी कहा गया कि हम जानते हैं कि आप कहां पर हो।’’

इन शब्दों को सुनकर वह व्यक्ति अपने परिवार को लेकर उस अपार्टमेंट से भाग गया।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के समक्ष कहा था कि उनका ऐसा अनुमान है कि हजारों ग्रीन कार्ड धारक तथा करीब 100 अमेरिकी नागरिक अब भी अफगानिस्तान में हैं। ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिकी सरकार उन्हें निकालने के लिए अब भी प्रयास कर रही है।

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