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तालिबान द्वारा अफगानिस्तानी महिलाओं पर लगाए गए 'बेतुके फरमानों' पर संयुक्त राष्ट्र ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, इन देशों ने किया विरोध

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 13, 2022 11:46 IST

इस पर बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में नॉर्वे की उप राजदूत ट्रिने हीमरबैक ने कहा, तालिबान की नीतियां देश की ‘‘प्रलयकारी आर्थिक एवं मानवीय स्थिति’’ से निपटने के बजाय महिलाओं एवं लड़कियों के दमन पर केंद्रित हैं।

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ठळक मुद्देअफगानिस्तानी महिलाओं पर तालिबान द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों की खूब आलोचना हुई है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बंद कमरे में अहम बैठक भी बुलाई है। इस बैठक में महिलाओं अफगानिस्तानी महिलाओं पर हो रहे जुल्म पर चिंता जताई गई है।

United Nation on Taliban:संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान की महिलाओं के खिलाफ तालिबान के हालिया दमनकारी फरमान पर चर्चा करने के लिए गुरूवार को बंद कमरे में बैठक की है। इस दौरान, नॉर्वे द्वारा तैयार किए गए बयान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने वाली नीतियों को पलटने का आह्वान किया गया है। उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान ने महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से लेकर पैर तक बुर्के में ढके रहने का शनिवार को आदेश दिया था। यह बैठक इसी आदेश को लेकर बुलाई गई है। गौरतलब है कि तालिबान के इस कदम की पूरी दुनिया में आलोचना हुई थी। 

तालिबान के आदेश में क्या कहा गया था

आपको बता दें कि तालिबान अपने इस तरह के आदेश के जाना जाता है। ऐसे में तालिबान द्वारा नए आदेश में यह कहा गया है कि अगर बाहर जरूरी काम नहीं है तो महिलाओं के लिए बेहतर होगा कि वे घर में ही रहें। इसके साथ ही मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तालिबान द्वारा कट्टर रुख अपनाने की आशंका को बल मिला है। उल्लेखनीय है कि तालिबान ने वर्ष 1996-2001 के पिछले शासन काल में भी महिलाओं पर इसी तरह की सख्त पाबंदी लगाई थी। 

क्या कहा संयुक्त राष्ट्र में नॉर्वे की उप राजदूत ने

तालिबान ने कक्षा छह के बाद लड़कियों की शिक्षा पर पहले ही रोक लगा दी है और महिलाओं को अधितकर नौकरियों से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा यदि महिलाओं के साथ कोई पुरुष रिश्तेदार नहीं है, तो वे विमान में यात्रा नहीं कर सकतीं है, ऐसा भी आदेश तालिबान ने जारी किया है। संयुक्त राष्ट्र में नॉर्वे की उप राजदूत ट्रिने हीमरबैक ने परिषद की बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा कि तालिबान की नीतियां देश की ‘‘प्रलयकारी आर्थिक एवं मानवीय स्थिति’’ से निपटने के बजाय महिलाओं एवं लड़कियों के दमन पर केंद्रित हैं। 

तालिबान के फैसले को बताया गया भय पैदा करने वाला

इस बीच, महिलाओं, शांति एवं सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनौपचारिक विशेषज्ञ समूह के सह-अध्यक्षों आयरलैंड और मैक्सिको ने गुरूवार को परिषद के सदस्यों को पत्र लिखकर तालिबान के फैसले को भय पैदा करने वाला बताया था। संयुक्त राष्ट्र में आयरलैंड की राजदूत गेराल्डिन बायरन नैसन ने संवाददाताओं से कहा कि महिलाएं और लड़कियां ‘‘अब कुछ सबसे कठोर प्रतिबंधों का सामना कर रही हैं,’’ और तालिबान की नीतियों की निंदा करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय एवं सुरक्षा परिषद की नैतिक जिम्मेदारी है। 

टॅग्स :संयुक्त राष्ट्रतालिबानNorwayआयरलैंडMexico
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