मुक्ति संग्राम के दौरान भारत, बांग्लादेश के बीच पड़ी दोस्ती की अनूठी बुनियाद : राष्ट्रपति कोविंद

By भाषा | Updated: December 16, 2021 23:52 IST2021-12-16T23:52:13+5:302021-12-16T23:52:13+5:30

Unique foundation of friendship laid between India, Bangladesh during the liberation struggle: President Kovind | मुक्ति संग्राम के दौरान भारत, बांग्लादेश के बीच पड़ी दोस्ती की अनूठी बुनियाद : राष्ट्रपति कोविंद

मुक्ति संग्राम के दौरान भारत, बांग्लादेश के बीच पड़ी दोस्ती की अनूठी बुनियाद : राष्ट्रपति कोविंद

ढाका, 16 दिसंबर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि 50 साल पहले मुक्ति संग्राम के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ती की अनूठी बुनियाद पड़ी।

उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए ‘‘दमनकारी शासन’’ के दौरान बांग्लादेश के लाखों लोगों की अनकही पीड़ा को याद किया।

यहां बांग्लादेश की संसद में विजय दिवस और मुजीब बोरशो समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम का प्रत्येक भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान है।

कोविंद ने कहा कि बांग्लादेश के संघर्ष में भारत में सहानुभूति और जमीनी स्तर पर समर्थन मिला, उसकी बराबरी करने के लिए इतिहास के पास कुछ ही उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने बांग्लादेश के लोगों को हरसंभव सहायता देने के लिए अपने दिल और घर के दरवाजे खोल दिए। यह हमारे लिए सम्मान और जिम्मेदारी की बात थी कि हम अपने भाइयों और बहनों को उनकी जरूरत की घड़ी में मदद करें।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा बांग्लादेश के साथ अपनी दोस्ती को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हम बांग्लादेश के साथ अपनी दोस्ती की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए हरसंभव प्रयास करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’’

कोविंद एकमात्र विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिन्हें समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का जन्म शताब्दी समारोह और बांग्लादेश-भारत संबंधों के 50 वर्ष के उपलक्ष्य में भी कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत-बांग्लादेश दोस्ती की इस अनूठी बुनियाद का इतिहास हमेशा गवाह रहेगा, जो बांग्लादेश को आजाद कराने वाले जनयुद्ध के समय तैयार हुआ। उन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम को याद करते हुए कहा कि 50 साल पहले, दक्षिण एशिया का नक्शा बदल गया और बांग्लादेश के रूप में एक गौरवशाली राष्ट्र का जन्म हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पीढ़ी के लाखों भारतीयों की तरह, हम एक दमनकारी शासन पर बांग्लादेश की जीत से उत्साहित थे और बांग्लादेश के लोगों के विश्वास और साहस से काफी प्रेरित थे।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया ने यह महत्वपूर्ण सबक सीखा है कि बहुसंख्यक लोगों की इच्छा को किसी भी बल, चाहे वह कितना भी क्रूर क्यों न हो, उससे दबाया नहीं जा सकता है। कोविंद ने कहा कि वास्तव में, शायद ही कभी मानवता ने इतने बड़े पैमाने पर बलिदानों को देखा हो, जैसा कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान देखा गया।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस अवसर पर, मैं बांग्लादेश के लाखों लोगों, विशेष रूप से क्रूरता का सामना करने वाली बेटियों, बहनों और माताओं की अनकही पीड़ा की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। यह उनका बलिदान और बांग्लादेश के लिए निष्टा थी जिसने क्षेत्र को बदल दिया।’’

कोविंद ने कहा कि यह भारत और बांग्लादेश के बीच ‘प्रगाढ़ दोस्ती’ के स्तर को ‘और भी बढ़ाने’ का समय है। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर ‘‘हमारी साझेदारी के पहले 50 साल असाधारण चुनौतियों से पार पाने के साथ शुरू हुए, जिसने हमारे लोगों के बीच प्रगाढ दोस्ती को जन्म दिया, तो अब इसका स्तर और भी बढ़ाने का समय आ गया है।

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Web Title: Unique foundation of friendship laid between India, Bangladesh during the liberation struggle: President Kovind

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