लाइव न्यूज़ :

संरा सुरक्षा परिषद ने काबुल आतंकी हमले की कड़ी निंदा की

By भाषा | Updated: August 27, 2021 21:31 IST

Open in App

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने काबुल हवाई अड्डे के निकट आईएसआईएल-के द्वारा किए गए हमलों की शुक्रवार को कड़ी निंदा की। इन हमलों में 100 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। परिषद की अध्यक्षता फिलहाल भारत द्वारा की जा रही है। परिषद ने अफगानिस्तान में आतंकवाद से मुकाबले के महत्व पर जोर दिया जिससे यह सुनिश्चित हो कि किसी देश को धमकाने या हमले के लिए उसकी जमीन का इस्तेमाल न किया जाए। एक बयान में यह जानकारी दी गई। काबुल में बृहस्पतिवार को हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के बाहर बड़ी संख्या में जुटे अफगान लोगों के बीच दो आत्मघाती बम धमाके किए गए और बंदूकधारियों ने भी लोगों को निशाना बनाया जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस्लामिक स्टेट के अफगानिस्तान में संबद्ध, जिन्हें इस्लामिक स्टेट खुरासान या आईएसआईएस-के कहा जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। परिषद ने बयान में कहा कि उसके सदस्य बृहस्पतिवार को काबुल में हवाईअड्डे के निकट हुए “निंदनीय हमले की कठोरतम शब्दों में निंदा करते हैं।”उसने कहा, “ इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत (आईएसआईएल/दाएश) से संबद्ध संगठन इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) द्वारा किए गए इस हमले में बच्चों और सैनिकों समेत दर्जनों असैन्य नागरिक हताहत हुए हैं।”संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यीय इस शक्तिशाली संगठन में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफगानिस्तान की स्थिति पर मीडियो में दो बयान जारी किये जा चुके हैं जबकि एक बयान आईएसआईएस पर भी दिया गया है। परिषद ने इस महीने‍ अफगानिस्तान पर दो सत्र आयोजित किए जो उसकी मूल कार्यसूची में शामिल नहीं थे। तालिबान के काबुल पर कब्जा करने और युद्ध प्रभावित देश से अमेरिकी बलों की वापसी के मद्देनजर उपजी गंभीर परिस्थितियों के बीच इन सत्रों का आयोजन किया गया। परिषद ने “आतंकवाद के इन निंदनीय कृत्यों” के साजिशकर्ताओं, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों की जवाबदेही तय करने तथा उन्हें न्याय के दायरे में लाने की जरूरत को रेखांकित किया। परिषद ने कहा, “असैन्य कर्मियों और नागरिकों को वहां से निकलने में मदद कर रहे लोगों को जानबूझ कर निशाना बनाया जाना विशेष रूप से घृणित है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।”बयान में कहा गया, “सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने महत्व पर जोर दिया जिससे यह सुनिश्चित हो कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या उसपर हमले के लिये नहीं किया जाना चाहिए तथा किसी भी अफगान समूह या व्यक्ति को दूसरे देश की धरती से संचालन कर रहे आतंकवादियों को समर्थन नहीं करना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका